आरोपी कथित चिकित्सक मेरठ के किठौर कसबे का रहने वाला है, बेटे का भी कराया सुन्नत।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। गाजियाबाद नगर कोतवाली क्षेत्र में खुद के धर्मांतरण का ढोंग रचकर चिकित्सक से शादी रचने और बेटा होने पर उसका सुन्नत कराकर अपने धर्म के हिसाब से नाम रखने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मामले में युवती की मां ने नगर कोतवाली में 13 अगस्त को अब्दुर्रहमान के खिलाफ धोखाधड़ी और धर्म परिवर्तन का मुकदमा दर्ज कराया था।
डीसीपी सिटी राजेश कुमार ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी मेरठ के किठौर कसबे का निवासी अब्दुर्रहमान है। अब्दुर्रहमान यूनानी चिकित्सक है। चिकित्सक से शादी करने के लिए उसने गलत तरीके से धर्म बदला और बेटा होने पर अपने ही धर्म के अनुसार उसका नाम रखा। साथ ही अपने ही धर्म के नियमों का पालन किया। ऐसे में युवती ने विरोध किया तो उसका उत्पीड़न किया। जांच के आधार पर धर्मांतरण के मामले में उसे गिरफ्तार किया गया है।
मूलरूप से ओडिशा की रहने वाली एक महिला ने पुलिस को शिकायत दी थी कि उनकी बेटी ने यूक्रेन से एमबीबीएस किया था। 2016 में उसने नोएडा का एक अस्पताल काम शुरू किया, जहां उसकी मुलाकात अब्दुर्रहमान से हुई। दोनों में दोस्ती हो गई। आरोप लगाया गया कि उसने प्रेमजाल में फंसा लिया और फिर साथ रख लिया। आरोप है कि 2017 में उसने बेटी को जला भी दिया और फिर उसकी मजबूरी का फायदा उठाकर धर्म परिवर्तन करने की बात कहकर 2018 में शादी की। लेकिन उसने नाम नहीं बदला।
महिला ने बताया कि 2021 में बेटी ने बेटे को जन्म दिया लेकिन अब्दुर्रहमान ने बच्चे का नाम अपने धर्म के अनुसार मोहम्मद अली रखा और सुन्नत भी कराया। इसके बाद दोनों के बीच विवाद हो गया। युवती ने पति पर धर्मांतरण का ढोंग रचने की बात कही।
डीसीपी ने बताया कि मामले में सभी पहलुओं पर आगे की जांच की जा रही है। पूछताछ में डॉ. अब्दुर्रहमान ने पत्नी के शादी के पहले जलने की बात को हादसा ही बताया है और शादी के लिए धर्म बदलने का नाटक करने व बेटे के नाम अपने धर्म के हिसाब से रखने की बात कुबूल की है।
पहले मुकदमे में पुलिस ने लगा दी थी फाइनल रिपोर्ट: महिला डाक्टर के पति ने बेटी को धोखे में रखकर फर्जी शादी करने के संबंध में 22 अप्रैल 2022 को केस दर्ज कराया था। केस में अब्दुर्रहमान के अलावा विवाह पंजीकरण अधिकारी, छोटी बजरिया स्थित वैदिक हिंदू सभा के पदाधिकारी, खन्ना मार्केट तीस हजारी स्थित आर्य समाज मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी को आरोपी बनाया गया था। तब तक धर्मांतरण कानून न आने पर पुलिस ने अंतिम रिपोर्ट लगा दी थी।