Tuesday, July 1, 2025
Homeउत्तर प्रदेशMeerutअभी और भी परमीत बैठे हैं कुर्सी पर कुंडली मारकर, भ्रष्टाचार का...

अभी और भी परमीत बैठे हैं कुर्सी पर कुंडली मारकर, भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है आवास एवं विकास परिषद का कार्यालय

शारदा रिपोर्टर मेरठ। बुधवार को आवास विकास परिषद का लिपिक 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा गया। जिससे साफ हो गया कि आवास-विकास परिषद में भ्रष्टाचार जमकर चल रहा है। लेकिन इस कार्यालय में एक ही परमीत नहीं है, बल्कि परमीत से भी मोटे मगरमच्छ परिषद के कार्यालय में कुर्सियों पर कुंडली मारकर बैठे हैं। जो हजारों में नहीं बल्कि लाखों में डील करते हैं।

एंटी करप्शन की टीम ने आवास विकास परिषद् कार्यालय से जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या 11 का कार्य देख रहे कनिष्ठ लिपिक परमीत कुमार को एक आवंटी से 15 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। अब से पहले भी एक लिपिक रिश्वत लेते पकड़ा गया था।

थाना एंटी करप्शन प्रभारी दुर्गेश कुमार ने बताया कि कपड़ा व्यापारी जगानंद निवासी जागृति विहार को जागृति विहार एक्सटेंशन योजना संख्या 11 में एक फ्लैट आवंटित हुआ था। जिसकी समय पर किस्त जमा नहीं की गई थी। आवास विकास की योजना के मुताबिक आवंटी को भवन को पुनर्जीवित कराकर कब्जा दिलाने की भी व्यवस्था है। इसके एवज में लिपिक परमीत कुमार 15 हजार रुपये की रिश्वत मांग रहा था।

 

 

पीड़ित कपड़ा व्यापार जगानंद ने 19 मई को एंटी करप्शन थाने में सोमदत्त सिटी निवासी लिपिक परमीत कुमार की शिकायत की। एंटी करप्शन के प्रभारी दुर्गेश कुमार ने जिलाधिकारी को अवगत कराया। डीएम के आदेश पर दो प्रशासनिक अधिकारी नियुक्त किए गए। एंटी करप्शन थाने की इंस्पेक्टर अर्चना के नेतृत्व में 16 सदस्यों की टीम गठित की। दोनों प्रशासनिक अधिकारी भी टीम में गवाह के रूप में शामिल गए।

बुधवार दोपहर 12.30 बजे टीम आवास विकास परिषद कार्यालय पहुंची। भ्रष्टाचारी को पकड़ने का जाल बिछाया गया। जगानंद का विशेष पाउडर लगे 15 हजार रुपये दिए। जगानंद ने फोन पर लिपिक परमीत कुमार से मिलने की बात कही। उसने कहा कि वो अभी रजिस्ट्री कार्यालय में है। लगभग 3.40 बजे परमीत अपने केबिन में पहुंचा और जगानंद से रिश्वत के 15 हजार रुपये लिए। उसी समय टीम ने इसको गिरफ्तार कर लिया। बृहस्पतिवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

संपत्ति विभाग में है सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार: जिस कार्यालय से परमीत को पकड़ा गया है, वह आवास विकास परिषद का सबसे भ्रष्ट कार्यालय है। हाल ही में एक भूखंड आवंटन को लेकर संपत्ति अधिकारी सुनील कुमार शर्मा पर भी तमाम आरोप लग रहे हैं। जिसमें उन्होंने एक आरक्षित भूखंड को अनारक्षित कोटे के व्यक्ति को रिश्वत लेकर आवंटित कर दिया। लेकिन बाद में लखनऊ के संपत्ति विभाग ने इस पर आपत्ति लगाकर भूखंड खारिज कर दिया। अब पीड़ित आवंटी दर-दर भटक रहा है।

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Recent Comments