– 15 माह बाद कर दिया आवंटी के प्लॉट का आवंटन निरस्त।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। आवास एवं विकास परिषद का एक बहुत ही चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है। जिसमें एक आवंटी ने अपनी जमा पूंजी को दांव पर लगाने के साथ ही उधार लेकर आवास एवं विकास परिषद में प्लॉट आवंटन होने पर पचास लाख रुपये जमा कराने के साथ ही चार लाख रुपये के स्टांप खरीद लिए। लेकिन अब आवास एवं विकास परिषद आवंटित प्लॉट आरक्षित श्रेणी का बताकर आवंटन न होने की बात कह रहा है। जिसके चलते आवंटी दर-दर भटक रहा है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है।
आवास एवं विकास परिषद के भ्रष्टाचार और लापरवाही के तमाम किस्से लगातार उजागहर होते रहे हैं। हाल ही में एक और बड़ा मामला सामने आया है। आवास एवं विकास परिषद ने 10 अक्तूबर 2023 में जागृति विहार एक्सटेंशन में कुछ भूखंडों की ई-नीलामी थी थी। इस नीलामी में लोहियानगर निवासी पिंटू पुत्र ओमपाल ने 156 वर्ग मीटर के भूखंड संख्या 3/97 के लिए नीलामी में भाग लिया था। यह प्लॉट एमपी/एमएलए/ फ्रीडम फाइटर के लिए आरक्षित था। जिसका आरक्षित मूल्य 31500 रुपये प्रति वर्ग मीटर रखा गया था। जिसके लिए पिंटू ने उच्चतम बोली 36100 लगाई थी, और इसके चलते पिंटू को प्लॉट आवंटित कर दिया गया था।
इसके बाद आवास एवं विकास परिषद ने 14 अगस्त 2024 को पत्र जारी किया कि यह प्लॉट एससी एमपी/एमएलए/ फ्रीडम फाइटर के लिए आरक्षित है। इसलिए पिंटू से अनुसूचित जाति का प्रमाण-पत्र मांगा गया। लेकिन पिंटू ने जवाब दिया कि उसने सामान्य जाति में ही बोली लगाई है। इसके साथ ही बताया कि नीलामी के पत्रों में एससी का उल्लेख नहीं था। इसके बाद आवास एवं विकास परिषद ने पिंटू को 16 नवंबर 2024 को आवंटन पत्र जारी कर दिया।
इस पत्र के मिलने के बाद पिंटू ने जीएसटी सहित प्लॉट की कुल कीमत 50 लाख से ऊपर आवास एवं विकास परिषद के खाते में जमा कर दी और रजिस्ट्री कराने के लिए 3,95,000 रुपये के स्टांप पेपर भी खरीदकर आवास एवं विकास परिषद के संपत्ति अधिकारी को सौंप दिए।
पिंटू ने बताया कि इसके बाद वह लगातार रजिस्ट्री कराने की बात कहता रहा, लेकिन संपत्ति अधिकारी सुनील कुमार टालते रहे। इसके बाद अचानक 28 मार्च 2025 को आवास एवं विकास परिषद से पत्र प्राप्त हुआ कि उनका भूखंड एससी जाति में आरक्षित होने के कारण आवंटन निरस्त किया जाता है। इसके बाद जब पिंटू ने कार्यालय में संपर्क किया तो उसे कोई सही जवाब नहीं दिया गया।
रिश्वत लेने की है चर्चा
वहीं इस मामले में आवास विकास परिषद के सूत्रों की मानें तो पिंटू से एक अधिकारी और कर्मचारी ने लाखों रुपये की रिश्वत भी ले ली है। लेकिन अब उसके रिश्वत के पैसे भी देने में आनाकानी कर रहे हैं। वहीं इस पूरे खेल के पीछे आवास एवं विकास परिषद से जुड़े कुछ माफियाओं के साथ मिलकर यह खेल किया गया है।
नहीं उठाया फोन
इस मामले में जब संपत्ति अधिकारी सुनील कुमार से बात करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया।
जेवर बेचकर और उधार लेकर जमा कराए पैसे
पिंटू का कहना है कि उसने अपनी पत्नी के जेवर आदि बेचने के साथ ही मोटे ब्याज पर रुपये उधार लेकर इस भूखंड के पैसे जमा कराए थे। अब आवास एवं विकास परिषद आवंटन से इंकार कर रहा है, जिससे उसके ऊपर भारी कर्ज हो गया है।
सीएम से लेकर आयुक्त तक शिकायत
इस मामले में पिंटू ने सीएम से लेकर आवास आयुक्त तक शिकायत की है। पिंटू का आरोप है कि आवास एवं विकास परिषद में सांठगांठ का खेल बड़े स्तर पर चल रहा है। जिसके चलते उसका आवंटन निरस्त किया गया है। यदि उसकी सुनवाई नहीं हुई तो वह पूरे मामले को लेकर कोर्ट जाएगा।