- विधुत विभाग की लापरवाही से शहरवासियों को नहीं मिल रही बिजली।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। शहर के लोगों को पावर कट की समस्या से निजात दिलाने के लिए पीवीवीएनएल के दावों पर लापरवाही हावी होती जा रही है। स्थिति यह है कि, जो काम रीवेम्प डिस्ट्रीब्यूटर सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत मार्च माह तक पूरा होने थे वह अभी तक अधूरे हैं और मई माह के अंत तक पूरा करने का दावा किया जा रहा है। इस लापरवाही के चलते शहर के उपभोक्ताओं को रोजाना 5 से 6 घंटे की कटौती झेलनी पड़ रही है। जिसके चलते शहरवासियों में विधुत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
फैक्ट्स पर एक नजर
– पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से सभी 14 जिलों में रीवेम्प (आरडीएसएस) के माध्यम से हो रहे काम।
– आरडीएसएस के तहत लगभग 3400 करोड़ रुपए का इन कामों के लिए बनाया गया था बजट।
– 2023 में शुरू हुए थे काम, मार्च 2024 तक इन कार्यों को पूरा करने का था टारगेट।
– मेरठ में लगभग 239 करोड़ रुपये के कार्य योजना के तहत होने हैं।
– इस योजना के तहत पीवीवीएनएल क्षेत्र में लगभग 40 प्रतिशत का हुआ पूरा।
– मेरठ शहर जोन-1 में लगभग 61 प्रतिशत का हुए पूरे।
– जोन-2 मेरठ और बागपत में लगभग 74 फीसदी तक कार्य हुए पूरे।
यह होने थे योजना के तहत काम
– योजना से शहर में 14199 पोल लगने थे, जिसमें अभी तक 3771 पोल ही लगे।
– इसमें 1449 सीकेएम (सर्किट किमी) में नई लाइन डाली जानी है, जो 1162 किलोमीटर क्षेत्र में डल चुकी है।
योजना के तहत तेजी से काम किया जा रहा है। 60 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है बाकि जल्द पूरा किया जाएगा। – यदुनाथ राम, मुख्य अभियंता