– हादसों के बाद भी नींद से नहीं जाग रहे अधिकारी, सभासद कई बार उठा चुके हैं मांग।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। बुधवार देर शाम मेरठ शहर से लेकर देहात इलाकों में आए तेज आंधी तूफान ने भारी तबाही मचा डाली। सबसे ज्यादा नुक्सान शहर और देहात इलाकों के साथ कैंट क्षेत्र में लगे अवैध यूनीपोल और होर्डिंग से हुआ। इन अवैध यूनीपोल और होर्डिंग गिरने से किसी की गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई तो किसी के घर में भारी नुक्सान हुआ। शहर के साथ देहात और कैंट में लगे यूनीपोल और होर्डिंग ने साबित कर दिया कि, इसकी वजह से किसी भी जान जा सकती है। लेकिन ताज्जुब की बात यह है कि, संबंधित विभाग के अधिकारी सबकुछ जानते हुए भी आंखें मूंदे बैठे हैं। जिसके चलते शहरवासियों से इन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ नाराजगी है।
दरअसल, शहर में लगे होर्डिंग को लेकर नगर निगम के पार्षद अपनी नारागजी जाहिर करते हुए होर्डिंग ठेकेदार के खिलाफ कारवाई की मांग कर चुके है।शहर में हर तरफ विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से अवैध रूप से होर्डिग का जाल फैला हुआ है। मेरठ-दिल्ली एक्सप्रेसवे और हाईवे सब जगह अनगिनत यूनिपोल लगे हैं, जो बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। नगर निगम द्वारा स्वीकृत होर्डिंग से कई गुना ज्यादा शहर में होर्डिंग लगे हैं। शहर में होर्डिंग हटाने के नाम पर कई बार अभियान चलाया गया। लेकिन यह महज खानापूर्ति रहा।
पार्षदों के अनुसार नगर निगम के अधिकारियों ने ही होर्डिंग माफिया को छूट दे रखी है। नगर निगम के प्रभारी सम्पत्ति अधिकारी ने बताया कि शहर में अभियान चलाकर होर्डिंग को हटाया गया था। कई जगहों पर जुमार्ना भी लगाया गया है। जल्द ही फिर से अभियान चलाकर छोटे-बड़े सभी होर्डिंग और यूनिपोलों को हटाया जाएगा। ऐसे यूनीपोल को काट कर नगर निगम के स्टोर में लाया जाएगा।
दुर्घटना का सबब बन रहे अवैध होर्डिंग
पूरे शहर में नगर निगम अधिकारियों की लापरवाही की वजह से ही अवैध होर्डिंग का मकड़ जाल साफ-साफ नजर आता है। शहर के अधिकांश इलाके और हाइवे इन अवैध यूनीपोल और होर्डिंग की जद में आ चुके हैं। जबकि, अंदरूनी इलाकों में भी अवैध होल्डिंग साफ-साफ नजर आते है।हालाकि, कई इमारत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी हैं, लेकिन इन पर होर्डिंग खड़े हुए हैं। मौसम खराब होने या आंधी तूफान आने पर इन होर्डिंग्स के भरभरा कर गिरने की आशंका लगातार बनी रहती है। जबकि, नगर निगम प्रशासन ने पूर्व में हुए हादसों से भी कोई सबक नहीं लिया। पूरे शहर में अवैध होल्डिंग का मकड़जाल फैला हुआ है। हालांकि, नगर निगम के अधिकारी दावा तो जरूर करते हैं कि, अवैध होल्डिंग के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यह सब बयानबाजी तक ही सीमित रहता है।