– जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में नीलामी में आवंटित प्लाट का आवंटन निरस्त करने का मामला।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। आवास और विकास परिषद अब नीलामी में उच्च बोलीदाता को किए प्लॉट आवंटन को निरस्त करने में फंसता नजर आ रहा है। क्योंकि इस मामले में सिर्फ संपत्ति विभाग ही पत्राचार कर अब आवंटी को पैसे वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। जबकि आवास विकास और आवंटी के पूर्व में जारी पत्रों को अगर देखें तो सीधे-सीधे संपत्ति विभाग के अधिकारियों का गोलमाल नजर आ रहा है।
नूरा कुश्ती खेल रहा आवास विकास का संपत्ति विभाग
– जागृति विहार एक्सटेंशन योजना में नीलामी में आवंटित प्लाट का आवंटन निरस्त करने का मामला। Video News | sharda express
आवास एवं विकास परिषद मेरठ के संपत्ति विभाग के अधिकारी सुनील कुमार शर्मा और लखनऊ मुख्यालय में बैठी आवास-विकास परिषद की संपत्ति अनुभाग की उप आवास आयुक्त पल्लवी मिश्रा के ही पत्राचार हैं। जिसमें दोनों के ही पत्रों के द्वारा पहले प्लॉट आवंटित होता है, उसके बाद आवंटी से उसकी आरक्षित श्रेणी पर जवाब मांगा जाता है। लेकिन आवंटी द्वारा खुद को सामान्य श्रेणी का बताने के बाद भी करीब छह माह बाद उसे प्लॉट का आवंटन पत्र जारी करते हुए प्लॉट की कीमत करीब पचास लाख रुपये जमा करा लिए जाते हैं।
इसके तीन माह बाद संपत्ति विभाग ही इस प्लॉट नंबर 3/97 को आरक्षित श्रेणी का बताकर आवंटन निरस्त कर देता है। यह निरस्तीकरण पत्र भी संपत्ति विभाग की उप आवास आयुक्त पल्लवी मिश्रा के द्वारा ही जारी किया गया है। ऐसे में साफ है कि पूरा खेल संपत्ति विभाग में हो रहा है।
शुरू हो चुकी है जांच
सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले पर शासन स्तर से जांच शुरू हो चुकी है। आवास आयुक्त ने आंवटी के शिकायती पत्रों पर अपने स्तर से जांच करानी शुरू कर दी है। वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय से भी आवंटी की शिकायत पर जवाब मांगा गया है।
कोर्ट जाने की है तैयारी
वहीं दूसरी ओर आवंटी पिंटू पुत्र ओमपाल का कहना है कि आवास आयुक्त कार्यालय से शिकायत को लेकर उनसे संपर्क हुआ था। उनकी जांच का इंतजार है। यदि वहां से भी राहत नहीं मिलती है तो मामला हाईकोर्ट लेकर जाया जाएगा।