Stock Market News Updates: हफ्ते की शुरुआत भारतीय शेयर बाजारों के लिए कमजोर रही। सोमवार को शुरुआती कारोबार में Sensex और Nifty दोनों गिरावट के साथ खुले, जिसका असर सीधे ग्लोबल मार्केट की कमजोरी से जुड़ा दिखा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा चीन पर सख्त टैरिफ लगाने की चेतावनी के बाद एशियाई बाजारों में बिकवाली देखी गई, जिसका असर भारतीय मार्केट पर भी पड़ा। शुरुआती सत्र में सुबह 9:30 बजे के आसपास BSE Sensex 422.75 अंक यानी 0.51% गिरकर 82,078.07 पर पहुंच गया, जबकि NSE Nifty 126 अंक या 0.50% टूटकर 25,159.35 पर ट्रेड कर रहा था. सेंसेक्स 82,278 पर खुला था, यानी पिछले क्लोज से करीब 223 अंक नीचे, वहीं निफ्टी 25,180 के स्तर से कारोबार शुरू किया।
सभी सेक्टर लाल निशान में, IT और मेटल शेयरों पर सबसे ज्यादा दबाव
आज के कारोबार में सभी सेक्टोरल इंडेक्स लाल निशान में रहे। सबसे ज्यादा गिरावट निफ्टी IT इंडेक्स में 0.9% की दर्ज की गई, जबकि निफ्टी मेटल इंडेक्स 0.69% नीचे फिसला। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में भी कमजोरी दिखी, जहां निफ्टी मिडकैप इंडेक्स 0.5% और निफ्टी स्मॉलकैप इंडेक्स 0.64% तक गिर गए।
मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि जियोपॉलिटिकल टेंशन और अमेरिका-चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक विवाद ने निवेशकों का भरोसा कमजोर किया है। इसका सीधा असर भारतीय इक्विटी मार्केट पर देखा जा रहा है।
पिछले हफ्ते जबरदस्त तेजी के बाद आई गिरावट
पिछले हफ्ते Sensex और Nifty में शानदार तेजी देखी गई थी। दोनों इंडेक्स में 1.6% तक की बढ़त दर्ज हुई थी, जो पिछले तीन महीनों में सबसे मजबूत साप्ताहिक परफॉर्मेंस थी। अर्निंग सीजन से पहले विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ने से बाजार में तेजी बनी रही।
डेटा के अनुसार, पिछले हफ्ते विदेशी निवेशकों ने करीब 2,350 करोड़ रुपये (23.5 बिलियन रुपये) के भारतीय शेयर खरीदे। यह खरीदारी इसलिए भी बढ़ी क्योंकि भारतीय बाजारों की वैल्यूएशन दूसरे उभरते बाजारों की तुलना में आकर्षक मानी जा रही थी। साथ ही, भारत-अमेरिका ट्रेड डील को लेकर उम्मीदें और कॉरपोरेट अर्निंग्स के बेहतर रहने की संभावनाओं ने भी सेंटीमेंट को सपोर्ट किया।
भारतीय बाजार के साथ-साथ एशियाई बाजारों में भी कमजोरी रही MSCI का एशिया पैसिफिक इंडेक्स (जापान को छोड़कर) 1.4% तक गिर गया। इसकी वजह रही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चीन पर टैरिफ बढ़ाने का एलान, ट्रंप ने शुक्रवार को कहा था कि अगर चीन क्रिटिकल मिनरल एक्सपोर्ट पर रोक लगाता है तो अमेरिका कड़े टैरिफ लगाएगा।
इस बढ़ते तनाव से डर है कि अमेरिका में महंगाई बढ़ सकती है और फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में कटौती टाल सकता है, जिससे उभरते बाजारों से पूंजी निकल सकती है। यही कारण है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स अब डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे भारतीय बाजार पर दबाव बना हुआ है।



