AIMIM के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर सौंपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। प्रदेश में शासन और प्रशासन द्वारा मुस्लिम समाज पर अत्याचार करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को AIMIM के कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि भारत देश विश्व में सबसे बड़ा लोकतांत्रिक, संवैधानिक, पंथनिरपेक्ष, गणराज्य है। जहां समस्त नागरिकों को स्वतंत्रता पूर्वक गौरवशाली, गरिमामय जीवन सम्मान के साथ जीने का मौलिक अधिकार है। किंतु देश में 2014 से भाजपा का केंद्र की सरकार में आते ही देश में धार्मिक उन्माद फैलाने के साथ देश के नागरिकों के बीच आपसी वैमन्स्ता की खाई को जन्म देकर नफरत का माहौल बनाया जा रहा है। जिसका जीवंत और भयावह उदाहरण 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश राज्य में देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश में बीते 8-वर्षों से लगातार धर्म के नाम पर उन्माद फैलाकर इस्लाम को मानने वालों पर कभी गौवंश हत्या के नाम पर, कभी दाढ़ी-टोपी के नाम पर, कभी धार्मिक त्योहारों के नाम पर, कभी मंदिर-मस्जिद तो कभी मकबरा-मदरसा के नाम पर तो कभी लव जिहाद के नाम पर तथाकथित गौरक्षकों, बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद, हिंदू सेना, आरएसएस एवं तमाम अघोषित हिंदू संगठनों है, तो कहीं प्रशासन द्वारा द्वारा समय-समय पर धार्मिक नफरत फैलाने के लिए कहीं मॉबलिंचिंग हो रही है।
उन्होंने कहा कि, उत्तर प्रदेश में ऐसा प्रतीत होता है कि न्याय का दूसरा नाम लाठी और बुलडोजर हो गया है। इसलिए एमआईएमआईएम के कार्यकर्ता महामहिम राष्ट्रपति से अनुरोध है कि उत्तर प्रदेश सरकार के बीते 8 वर्षों में धार्मिक उन्माद को बढ़ावा देने, प्रदेश के लोगों के बीच में आपसी नफरत पैदा करने, उत्तर प्रदेश को कल्याणकारी राज्य से पुलिस राज्य की ओर ले जाने जैसे गंभीर मामलों को मद्देनजर रखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को संविधान सम्मत कल्याणकारी सरकार चलाने का निर्देश पारित करें और प्रदेश सरकार द्वारा निदेर्शों का अनुपालन ना होने पर हमारी पार्टी उत्तर प्रदेश सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाए जाने कि पुरजोर मांग करती है।