– मेरठ को मुख्य केंद्र बनाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 25 से अधिक शिक्षण संस्थानों में एप्लाइड ब्लॉकचेन सेंटर्स खोले जाएंगे।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। तकनीकी नवाचार की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ में भारत ब्लॉकचेन स्किल हब की स्थापना का प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया।
प्रस्तुति में बताया गया कि विश्वविद्यालय परिसर में ब्लॉकचेन सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया जाएगा, जो हब एंड स्पोक मॉडल के तहत कार्य करेगा। मेरठ को मुख्य केंद्र (हब) बनाकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 25 से अधिक शिक्षण संस्थानों में एप्लाइड ब्लॉकचेन सेंटर्स (स्पोक्स) खोले जाएंगे। इन केंद्रों के माध्यम से छात्रों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त ब्लॉकचेन प्रमाणपत्र, व्यावहारिक प्रोजेक्ट्स, स्टार्टअप इनक्यूबेशन और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
भारत ब्लॉकचेन स्किल हब परियोजना के तहत अगले पांच वर्षों में 25,000 से अधिक छात्रों और 500 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य है। छात्रों को हाइपरलेजर, हेडेरा जैसे प्रमुख ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म्स पर प्रशिक्षण एवं प्रमाणन दिलाया जाएगा। साथ ही, सफल छात्रों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में इंटर्नशिप और नौकरी के अवसर प्रदान किए जाएंगे।
प्रस्तुति में बताया कि स्टार्टअप ट्रैक के अंतर्गत छात्रों को उनके नवाचार आधारित विचारों को विकसित करने के लिए पूर्ण सहयोग दिया जाएगा — आईडिया वर्कशॉप, प्रूफ आॅफ कॉन्सेप्ट डेवलपमेंट से लेकर इनक्यूबेशन सपोर्ट तक। चयनित स्टार्टअप्स को 5 से 10 लाख रुपये तक की सीड फंडिंग दिलाने का लक्ष्य तय किया जा सकता है। यह पहल स्किल इंडिया मिशन, राष्ट्रीय ब्लॉकचेन रणनीति और आत्मनिर्भर भारत अभियान जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय कार्यक्रमों के उद्देश्यों के अनुरूप है। इससे चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय ब्लॉकचेन नवाचार मानचित्र पर विशेष पहचान मिलेगी।
प्रस्तुति में यह भी बताया गया कि कऊर पहले ही कई प्रतिष्ठित संस्थानों में सफलतापूर्वक ब्लॉकचेन केंद्र स्थापित कर चुका है। भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ सहयोगी के रूप में कार्य करता रहा है।