– मठ के नाम पर अधिकारियों को कॉल, काम कराकर वसूलते थे पैसे
संभल। पुलिस ने सीएम योगी के जनता दरबार कार्यक्रम से जुड़े फजीर्वाड़े का पदार्फाश किया। तीन लोगों का गिरोह इंटरनेट से मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर और मोहर की कॉपी कर फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। इसके बाद गोरखपुर मठ के नाम से अधिकारियों को फोन करते थे। शिकायतकर्ता के पक्ष में कार्रवाई की बात कहते थे।
जब लोगों का काम हो जाता था तो गिरोह के लोग हर मामले के 20 से 50 हजार रुपए तक वसूलते थे। मामले में भाजपा पश्चिमी क्षेत्र के उपाध्यक्ष राजेश सिंघल के भाई का भी नाम है। पुलिस ने मुख्य साजिशकर्ता समेत 3 को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।
पुलिस पूछताछ में बाराबंकी के सीहामऊ गांव निवासी आरोपी नागेंद्र ने बताया- लखनऊ में उसकी मुलाकात संभल के कोट पूर्वी निवासी बीजेपी पश्चिमी क्षेत्र के उपाध्यक्ष राजेश सिंघल के भाई कपिल सिंघल से हुई थी। कपिल ने उसे 30 हजार रुपए देकर अपने सहयोगी मोहल्ला कोट पूर्वी निवासी विपुल गुप्ता के परिवार को फोन कर दबाव बनाने को कहा था। विपुल गुप्ता और कपिल सिंघल दो दशक तक साथ कारोबार करते रहे। हाल ही में दोनों में मनमुटाव हो गया। विपुल और कपिल में प्रॉपर्टी को लेकर विवाद चल रहा है।
इसके बाद विपुल गुप्ता की पत्नी शालिनी अग्रवाल को एक व्यक्ति ने फोन किया। कॉलर ने खुद को भाजपा लखनऊ और गोरखपुर मठ से पंडित राज आचार्य महाराज बताया। उसने कपिल सिंघल के साथ चल रहे विवाद के बारे में पूछा। फोन करने वाले ने कहा कि विपुल गुप्ता से कहो कि वह जल्द संपर्क करें, अन्यथा मदद नहीं कर पाएंगे। शालिनी ने कॉल को सिर्फ सुना और ‘अच्छा जी’ कहकर फोन काट दिया।
53 सेकेंड के इस वायरल आॅडियो के आधार पर विपुल गुप्ता की शिकायत पर कोतवाली संभल में इठर की धारा 351(4) के तहत अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस जांच में सामने आया कि गोरखपुर मठ और भाजपा लखनऊ में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है।
संपत्ति हड़पने की साजिश रची थी
एसपी कृष्ण विश्नोई ने बताया कि कपिल सिंघल ने विपुल गुप्ता की संपत्ति हड़पने की साजिश रची थी। इसके लिए उसने गिरोह से संपर्क कर विपुल गुप्ता और उनकी पत्नी को धमकवाया। 18 फरवरी 2025 को थाना संभल में शिकायत दर्ज कराई गई थी। पुलिस ने कई बार दबिश दी, लेकिन आरोपी हाथ नहीं लगे। लगातार प्रयासों के बाद तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।
30 हजार रुपए एडवांस लिए थे
एसपी ने बताया, गिरोह ने धमकी देने के लिए 30 हजार रुपए एडवांस लिए थे। बाराबंकी के नागेंद्र और सुधीर इस गिरोह के मुख्य सदस्य हैं। पिछले एक महीने में इन्होंने राजस्व विभाग के अधिकारियों को 33 कॉल और 36 पुलिस अधिकारियों के सीयूजी मोबाइल नंबरों पर 135 बार संपर्क किया। अन्य पीड़ितों की शिकायतों पर भी मामले दर्ज किए जाएंगे। गिरोह के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। आरोपी बाराबंकी के थाना रामनगर क्षेत्र के सीहामउ निवासी नागेन्द्र पुत्र अरविन्द, सुधीर कुमार मिश्रा पुत्र राजीव कुमार मिश्रा और रामपुर के थाना पटवई क्षेत्र के परतापुर निवासी राजू पुत्र रामलाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। मामले की जांच की जा रही है।