– ससुराल में भेजा लाखों का दान-दहेज, पिता की हो चुकी मौत, मां आर्थिक रूप से कमजोर।
सहारनपुर। बड़गांव में किन्नर समाज की मंगलामुखी पूनम ने एक बार फिर मानवता की मिसाल पेश की है। उन्होंने निर्धन बेटी की शादी का बीड़ा उठाया। शिमलाना गांव की कश्यप परिवार की एक निर्धन बेटी की शादी 14 अप्रैल को होनी है। पिता की मृत्यु के बाद उसकी विधवा मां आर्थिक रूप से असमर्थ थी, लेकिन मंगलामुखी पूनम उसकी ढाल बनकर सामने आईं।
मंगलामुखी पूनम ने गरीब बेटी के विवाह की पूरी जिम्मेदारी उठाते हुए लाखों रुपए का दान-दहेज और आभूषण खरीदकर ससुराल पक्ष को शगुन के तौर पर भिजवाया। उन्होंने बेटी के विवाह के लिए डबल बेड, सोफा, अलमारी, छोटे-बड़े बक्से, अनाज की टंकी, ड्रेसिंग टेबल, टीवी, सिलाई मशीन, कपड़े, फर्नीचर, और घरेलू सामान के अलावा लाखों रुपये के सोने-चांदी के आभूषण भी भेजे। उनके इस सराहनीय कदम की क्षेत्र में खूब चर्चा हो रही है।
शिमलाना निवासी विधवा महिला अपनी बेटी की शादी को लेकर चिंतित थी। बीते वर्ष उसके पति चंद्रपाल कश्यप का देहांत हो गया था, जिसके बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी विधवा मां पर आ गई। जब यह बात मंगलामुखी पूनम को पता चली, तो उन्होंने बेटी के विवाह का संकल्प लिया। पूनम ने गरीब विधवा मां को वर तलाशने के लिए प्रोत्साहित किया। जब वर तय हुआ, तो पूनम ने खुद जाकर पड़ताल की और विवाह की पुष्टि की।
14 अप्रैल को शामली से बारात आनी है और शादी की सभी तैयारियां पूनम की देखरेख में हो रही हैं। बुधवार को पूनम ने दहेज का सामान वर पक्ष को शगुन के रूप में भेज दिया। उनके इस कदम पर क्षेत्र के लोगों ने आभार जताया और उनकी भरपूर सराहना की।
मंगलामुखी पूनम का कहना है कि किन्नर समाज भी समाज से ही जीविका पाता है, इसलिए उनका भी दायित्व बनता है कि वे समाज के हित में कार्य करें। उन्होंने बताया कि बधाई मांगकर जो धनराशि मिलती है, उसी से वे जरूरतमंद बेटियों की शादी में मदद करती हैं। अब तक वह दर्जनों निर्धन बेटियों की शादी में कन्यादान स्वरूप वाशिंग मशीन, टीवी, फ्रिज, सिलाई मशीन आदि उपहार दे चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि इस शादी पर करीब साढ़े तीन से चार लाख रुपए का खर्च आ रहा है, लेकिन आगे भी वे इसी तरह निर्धन बेटियों की शादी में सहयोग करती रहेंगी। पूनम के साथ ममता, राजू सहित अन्य सहयोगी भी इस पुण्य कार्य में शामिल रहे।
मंगलामुखी पूनम के इस कदम से समाज में एक सकारात्मक संदेश गया है। क्षेत्रवासियों ने उनकी इस दरियादिली की सराहना की और कहा कि उनकी पहल उन लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो सक्षम होते हुए भी जरूरतमंदों की मदद नहीं करते। गरीब बेटी की शादी की जिम्मेदारी उठाकर पूनम ने साबित कर दिया कि किन्नर समाज सिर्फ आशीर्वाद देने ही नहीं, बल्कि जरूरतमंदों की मदद करने में भी आगे है।