शारदा रिपोर्टर मेरठ। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया हैं। इन्हीं में से एक निर्णय वाघा-अटारी सीमा पर बने चैकपोस्ट को बंद करने का है। यह चेकपोस्ट बंद करने से यूपी के मेरठ की एक बेटी के अरमानों पर पानी फिर गया। बेचारे का पति पाकिस्तान में ही रह गया। अब महिला न तो भारत में रह सकती है और न ही पाकिस्तान उसे एंट्री दे रहा है। ऐसे में अब महिला जाए तो जाए कहां? यह सवाल लगातार मझधार में फंसी सना पूछ रही हैं।
सरधना के मोहल्ला घोसियान के रहने वाले पीरुद्दीन की बेटी सना की शादी पाकिस्तान में हुई है। करीब एक सप्ताह पहले सना अपने दो बच्चों को लेकर भारत आई थी। सना को 45 दिन का वीजा मिला था7 मगर, इस बीच पहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला हो गया. इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। इस पर भारत सरकार ने कई कड़े फैसले लिए। इसमें पाकिस्तान के नागरिकों को डिपोर्ट किये जाने का फरमान भी शामिल था। पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द किए गए हैं और उन्हें वापस भेजा जा रहा है।
पुलिस की टीमें लोगों से संपर्क करके उन्हें सकुशल बॉर्डर तक पहुंचा रही हैं, ऐसे में मेरठ प्रशासन ने सना से संपर्क साधा और वीजा रद्द करते हुए पाकिस्तान लौटने के लिए कहा। मगर, पाकिस्तानी बॉर्डर बंद होने से सना भारत में ही अटक गई है। उच्च अधिकारियों से संपर्क कर सना को वापस भेजने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस की एक खुफिया टीम सना को दोनों बच्चों के साथ लेकर शुक्रवार सुबह बाघा बॉर्डर के लिए रवाना हो गई। सूत्रों के मुताबिक, सना और उसके दोनों बच्चों को बाघा बॉर्डर बंद होने के कारण पाकिस्तान में प्रवेश नहीं मिल पाया। वहीं, उनको अमृतसर में रोका गया है।