मेघालय में राजा के आखिरी 48 घंटे की पूरी कहानी।
Operation Honeymoon: सोनम ने शिलांग पुलिस के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया। मेघालय में हनीमून पर गए राजा रघुवंशी की उसकी पत्नी सोनम ने सुपारी किलर्स से मिलकर हत्या करवा दी। जानिए कैसे ‘ऑपरेशन हनीमून’ में खुली इस खौफनाक साजिश की परतें और कैसे पकड़े गए सभी आरोपी।
Raja Raghuwanshi Murder Case: मेघालय पहुंचने के 48 घंटे बाद ही राजा रघुवंशी का कत्ल कर दिया गया था। जिस वक्त कातिल राजा को मार रहे थे, उस वक्त उसकी पत्नी सोनम रघुवंशी पास में ही खड़ी थी। हत्या के कुछ मिनटों बाद ही राजा की मां यानी सोनम की सास ने उसे फोन किया था. लेकिन उन दोनों के बीच हुई बातचीत को सुनने के बाद कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि कुछ ही मिनटों पहले सोनम अपने पति को मरवा चुकी है. पति की हत्या के 48 घंटे बाद वह वापस इंदौर लौटती है और 27 मई तक वहीं छिपी रहती है. इन 48 घंटों की कहानी हैरान करने वाली है।
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23 मई की दोपहर डेढ़ बजे सोनम की सास सोनम को फोन करती हैं. ये सास बहू के बीच हुई आखिरी बात थी. इसके बाद दोपहर दो बजे सोनम का फोन बंद हो जाता है. इस आखिरी बातचीत के दौरान खुद सोनम ने अपनी सास को ये बताया था कि वो लोग इस वक्त किसी जंगल में घूमने आए हैं. वहां शायद वहां कोई झरना था. पर झरना तीन हजार स्टेप नीचे जाकर था. यानी सोनम और राजा पहले नीचे गए और फिर वापसी में चढ़ाई चढ़ कर ऊपर आए. इसलिए बातचीत के दौरान सोनम हांफ भी रही थी और बीच में हंसी भी थी।
जानते हैं जिस वक्त सोनम अपनी सास से फोन पर बात कर रही थी, उससे बस 15-बीस मिनट पहले ही वो राजा रघुवंशी का कत्ल करवा चुकी थी. जी हां, ये बातचीत राजा के कत्ल के बाद राजा की मां से हो रही थी. असल में सोनम तीन हजार स्टेप उतर कर झरने तक गई तो राजा के साथ थी, मगर वापस अकेले ऊपर आई थी वो भी तीनों सुपारी किलर के साथ।
सास-बहु की बातचीत को सुन कर कहीं से अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि सोनम अभी अभी अपने पति को मार कर आ रही है. जिस चढ़ाई और खाई की बात सोनम फोन पर कर रही थी ये वही जगह थी जहां राजा 23 मई को ट्रैकिंग करने गया था और तीन हजार स्टेप्स नीचे जाने के बाद वहीं पर उसका कत्ल किया गया था और बाद में उसी जगह से दो जून को राजा की लाश मिली थी।
चलिए अब आपको कत्ल से पहले सोनम का चेहरा देख कर भी आप जरा सा भी अंदाजा नहीं लगाया जा सकता था कि जिसके साथ वो खुश दिखाई दे रही है उसी को कुछ घंटे बाद वो खुद मारने वाली है. पुलिस को मिली सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, राजा रघुवंशी की मौत से पहले की आखिरी तस्वीर में राजा सोनम के साथ एक होटल के बाहर उसी स्कूटी पर आया था जो उसने किराए पर ली थी. उस होटल में दोनों शायद अपना सामान रखने आए थे. वीडियो भी इस केस की गवाही के लिए काफी अहम है. उस वीडियो में जिस जैकेट या रेनकोट को सोनम उतारकर अपनी स्कूटी की डिग्गी में रख रही है, वही रेनकोट बाद में पुलिस को लावारिस पड़ा मिला था. जिसपर खून के कुछ छींटे भी थे।
उस वीडियो में भी साफ नजर आ रहा है कि बीच बीच में सोनम मोबाइल पर कुछ देख रही है या मैसेज टाइप कर रही है. शायद सुपारी किलर को कोई संदेश या लोकेशन भेज रही है. पर ये सबकुछ वो राजा से थोड़ी दूरी पर जाकर कर रही है. कुछ देर के लिए वो स्कूटी पर अकेली बैठी कुछ सोचती भी नजर आती है. बाद में राजा और सोनम उसी स्कूटी पर वहां से निकल जाते हैं. वही स्कूटी भी बाद में लावारिस मिलती है।
राजा की लाश से कुछ दूरी पर पुलिस को एक जैकेट मिली थी. उस पर खून के निशान थे। असल में वो सुपारी किलर आकाश ही ता जिसने राजा के सिर पर आगे और पीछे से दो वार किए थे. इसी दौरान खून के कुछ छीटें उसके जैकेट पर आ गिरे थे. आकाश ने खून से सने जैकेट को वही उतार कर फेंक दिया था. इसके बाद सोनम ने आकाश को अपना रेन कोट दे दिया. पर रेन कोट पर भी खून के निशान थे. क्योंकि राजा के कत्ल के वक्त सोनम भी वहीं मौजूद थी. बाद में आकाश ने सोनम का रेन कोट मौका-ए-वारदात से करीब छह किलोमीटर दूर फेंक दिया था, ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके।
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इंदौर क्राइम ब्रांच की हिरासत में आकाश ने पुलिस को बताया है कि जिस वक्त वो राजा रघुवंशी को मारने जा रहे थे, तब सोनम वहीं थी. वो सोनम ही थी जिसने चीख कर आकाश से कहा था कि हिट करो. हिट करो. इसी के बाद आकाश ने तेजधार हथियार दाव से राजा पर दो वार किए थे. इसके बाद सोनम और तीनों सुपारी किलर जिस जगह राजा का कत्ल किया था, वहां से करीब दस किलोमीटर दूर जाते हैं. फिर वहां से सुपारी किलर अलग रास्ते पर निकल जाते हैं और सोनम अलग रास्ते पर. मगर अलग होने से पहले सुपारी किलर के साथ सोनम की तस्वीर एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो चुकी थी. यहीं से मेघालय पुलिस को सबसे बड़ी लीड मिली थी. राजा का कत्ल करने के करीब आधे घंटे बाद सोनम राजा रघुवंशी के फेसबुक पर पहली बार एक पोस्ट डालती है. पोस्ट में लिखा था – सात जन्मों का साथ है।
मेघालय पुलिस सूत्रों के मुताबिक राजा रघुवंशी का कत्ल 23 मई की दोपहर को ही कर दिया गया था. जिस जगह कत्ल हुआ, वहां तक सोनम और राजा किराए की स्कूटी पर पहुंचे थे. जबकि तीनों सुपारी किलर भी स्कूटी पर आए थे. सुपारी किलर में से एक ने भी सकूटी किराए पर ली थी. किराए पर स्कूटी लेने के लिए आईडी कार्ड की कॉपी देनी होती है और कातिलों से पहली गलती यहीं हुई कि उनमें से एक ने स्कूटी किराए पर लेने के लिए अपने आईडी कार्ड की कॉपी दी थी, जिस आईडी कार्ड की वजह से ही पुलिस को पहले सुपारी किलर का पहचान पता चली।
उसी आईडी कार्ड के बाद मेघालय पुलिस ने अब अलग-अलग इलाकों के सीसीटीवी कैमरों को खंगालना शुरू किया. इत्तेफाक से दो दिन के अंदर सुपारी किलर और सोनम की मोजूदगी 42 सीसीटीवी कैमरों में एक साथ पाई गई. सीसीटीव कैमरों में कातिल और सोनम का एक साथ पाया जाना अब मेघालय को यकीन दिला देता है कि राजा के कत्ल में सोनम भी शामिल है. इसी के बाद अब मेघालय पुलिस सोनम के कॉल डिटेल रिकार्ड और सोशल मीडिया का खंगालना शुरू करती है।
पुलिस को तब हैरानी होती है जब वो देखती है कि हनीमून पर आने के बाद भी सोनम ने हनीमून की एक भी तस्वीर सोशल मीडिया पर नहीं डाली. इसके अलावा उसके कॉल डिटेल से भी पता चला कि वो दो नंबरों पर बराबर संपर्क में थी. एक नंबर मेघालय में ही एक्टिव था जबकि दूसरी इंदौर में. मेघालय वाला नंबर सुपारी किलर का था. जबकि इंदौर का नंबर राज कुशवाहा का. बस इसी के बाद मेघालय पुलिस को सारी कहानी समझ आ गई और फिर कातिलों को पकड़ने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई और इस ऑपरेशन का नाम रखा गया ऑपरेशन हनीमून।
आकाश के आीडी कार्ड, सोनम के मोबाइल, सुपारी किलर के नंबर और इंदौर में बैठे राज कुशवाहा के फोन का पीछे करते हुए आखिरकार मेघालय पुलिस साजिश के अंजाम तक पहुंच जाती है और आठ जून को तीनों सुपारी किलर और राज कुशवाहा को इंदौर और एमपी से गिरफ्तार कर लिया जाता है. चारों की गिरफ्तारी की खबर मिलते ही सोनम भी नौ जून की रात गाजीपुर में अचानक एक ढाबे पर सामने आ जाती है।
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सभी आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद ये सामने आता है कि 23 मई को राजा के कत्ल के बाद उसी दिन तीनों सुपारी किलर मेघालय से सड़क के रास्ते गुवाहाटी चले जाते हैं. उनके जाने के बाद उसी शाम अकेली सोनम भी मेघालय से गुवाहाटी पहुंचती है. फिर वहां से ट्रेन पकड़ कर वो 25 जून को इंदौर लौट आती है. तब तक सोनम और राजा की गुमशुदगी की खबर मीडिया में सुर्खियां नहीं बनी थीं।
इंदौर पहुंचने के बाद सोनम को राज कुशवाहा देवास गेट इलाके में ले जाता है. वहं उसने किराए पर एक कमरा ले रका था. पर इंदौर में सोनम का रुकना खतरनाक हो सकता था. क्योंकि राजा और सोनम का फोन बंद होने की वजह से अब दोनों के ही घर वाले परेशान थे और मीडिया में खबरें आनी शुरू हो चुकी थीं. 26 जून को तो सोनम और राजा के बाई दोनों को तलाश करने के लिए मेघालय ही पहुंच चुके थे. इसी के बाद राज ने सोनम को टैक्सी बुक कर ड्राइवर के साथ 27 मई को इंदौर से वाराणसी भेज दिया. सोनम को वाराणसी भेजने से पहले राज ने ऑनलाइन कुछ राशन भी मंगाया था जो सोनम अपने साथ टैक्सी में वाराणसी ले गई।
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सोनम को कार में इंदौर से यूपी भेज दिया गया. राज कुशवाहा के कई जानकार यूपी में थे. अब सोनम यूपी में ही छुपी थी और राज लगातार उसके साथ फोन पर संपर्क में था. मगर आठ जून को राज और सुपारी किलर की गिरफ्तारी के साथ ही सोनम का छुपना अब बेकार था. लिहाजा, वो खुद ही गाजीपुर में एक ढाबे पर पहुंच कर अपने भाई को खुद के जिंदा होने की फोन पर खबर देती है।
इस बीच राजा रघुवंशी के घर वालों ने इल्जाम लगाया है कि सोनम और राज कुशवाहा के संबंध की जानकारी सोनम की मां को भी थी. पर सोनम की मां ने ये बात छुपा ली. उनका ये भी कहना है कि जब सोनम की शादी राजा से तय हो गई थी, तब सोनम ने मां को धमकी दी थी कि इसका अंजाम बहुत बुरा होगा. इतना ही नहीं अब ये कहानी भी सामने आ रही है कि सोनम राजा से शादी के लिए इसलिए भी तैयार हो गई थी क्योंकि वो मांगलिक थी. राजा रघुवंशी भी मांगलिक था. मान्यता है कि दो मांगलिकों के बीच शादी करने मे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन किसी मांगलिक की किसी गैर मांगलिक से शादी होने पर तमाम दिक्कतें आती हैं. कहने को तो बहुत से लोग ये भी कहते हैं कि इससे किसी एक की मौत भी हो सकती है. खुद सोनम के पारिवारिक ज्योतिषि के मुताबिक सोनम जिससे भी शादी करती उसका नुकसान होना तय था।
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राजा के घर वालों के मुताबिक, आखिर में सोनम राजा से शादी करने के लिए इसलिए तैयार हो गई क्योंकि वो चाहती थी कि एक बार राजा से सादी करने के बाद उसका मंगल दोष खत्म हो जाएगा और फिर वो आसानी से राज कुशवाहा के साथ शादी कर सकती है. इससे उसके प्रेमी राज पर भी कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा. और बस इसी के तहत राजा से शादी कर उसने उसको मारने की साजिश रची. क्योंकि राजा के मरने के बाद एक विधवा के तौर राज से उसकी शादी कराने में घर वाले भी नहीं हिचकिचाएंगे. खुद सोनम के पारिवारिक ज्योतिषि के मुताबिक राजा की मौत के बाद अब अगर सोनम किसी से भी दूसरी शादी करती है तो उसका नुकसान तय है।
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राजा के घर वालों के मुताबिक 11 मई को शादी होने के बाद सोनम सर्फ तीन दिन ही ससुराल में रुकी थी. 11, 12 और 13 मई को. 14 मई को वो मायके चली गई. यहां तक कि वो राजा से शादी के बाद से ही ठीक से बात तक नहीं करती थी. ये बात राजा ने अपीन मां को भी बताई थी. इसके बाद मायके से ही बीस मई को सोनम सीधे इंदौर एयरपोर्ट पहुंची थी. जहां राजा रघुवंशी उसे मिला और फिर दोनों हनीमून मनाने के लिए गुवाहाटी होते हुए मेघालय चले गए. और फिर उसी मेघालय़ में उसी सोनम और राजा रघुवंशी के लिए ऑपरेशन हनीमून शुरू हुआ. जिसका क्लाइमेक्स सोनम की गिरफ्तारी के साथ हुआ।