पत्थरबाजों को मिली नगदी!
एजेंसी, नई दिल्ली। वक्फ कानून के विरोध पश्चिम बंगाल में भारी हिंसा देखने को मिली, मुर्शिदाबाद में हिंसा में 3 लोगों की मौत, सैकड़ों लोग घायल हुए तो वहीं कई लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगह ठिकाना लेना पड़ा है। हिंसा को देखते हुए केंद्रीय सुरक्षा बल को तैनात किया गया है। इसके साथ ही हिंसा वाले इलाके में कड़ा पहरा है। इस बीच मुर्शिदाबाद दंगा मामले में बड़ा खुलासा हुआ है।
भारतीय जांच एजेंसियों के सूत्रों की मानें तो इस हिंसा की प्लानिंग लंबे समय से की जा रही थी। पिछले 3 महीनों से इलाके के लोग इस घटना को अंजाम देने की योजना बना रहे थे। इसके लिए विदेशों से फंडिंग की गई थी।
जांच एजेंसियों को क्या पता चला?
पूरे मामले की जांच के दौरान एजेंसी ने पाया कि यह आतंकवाद फैलाने का नया तरीका है, दो महीने पहले एटीबी के दो जाने-माने सदस्य मुर्शिदाबाद आए और कहा कि एक बड़ी दावत होगी। वे ट्रिगर पॉइंट का इंतजार कर रहे थे। शुरू में रामनवमी की तारीख तय थी, लेकिन सुरक्षा के कारण चीजें बदल गईं, लेकिन वक्फ बिल ने ट्रिगर पॉइंट दे दिया।
मुर्शिदाबाद हिंसा की प्लानिंग और पूरे खर्च का दारोमदार तुर्की के भरोसे चल रहा था, यहीं से हिंसा को लेकर पूरा फंड दिया जा रहा है। जांच एजेंसियों की मानें तो इस योजना में शामिल हर हमलावर और पत्थरबाजों को लूटपाट के लिए 500 रुपये दिए गए थे। इनकी पिछले 3 महीनों से लगातार ट्रेनिंग चल रही थी। साजिशकर्ताओं ने बंगाल को भी बांग्लादेश बनाने की योजना बनाई थी, जैसे दंगे बांग्लादेश हिंसा में देखने को मिले थे। ठीक वैसे ही यहां भी प्लान था।
सीएम ममता की जनता से अपील
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद लोगों से शांति की अपील की है। उन्होंने कहा कि मैं सभी से कहूंगी कि सभी को अनुमति लेकर शांतिपूर्वक विरोध करने का अधिकार है लेकिन कानून अपने हाथ में न लें। चाहे कोई भी हो। कानून तोड़ने वालों की कोई जरूरत नहीं है। जो शांत दिमाग रखता है, वही जीतता है।