निगम कार्यकारिणी बैठक में काम में लापरवाही बरतने पर भड़के पार्षद,
महापौर ने अधिकारियों को लगाई लताड़।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। शुक्रवार को चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के बृहस्पति भवन में नगर निगम की कार्यकारिणी बैठक वंदे मातरम से शुरू हुई। कार्यकारिणी बैठक मेयर हरिकांत अहलूवालिया की अध्यक्षता और नगर आयुक्त अमित पाल शर्मा के संचालन में हुई। बैठक में डिप्टी मेयर बिमला देवी भी मौजूद रही।
कार्यकारिणी बैठक में विभिन्न बिंदुओं को लेकर अधिकारियों और पार्षदों के बीच चर्चा हुई। बैठक के दौरान जब पार्षदों ने नगर निगम अधिकारियों से शहर की साफ-सफाई, पथ प्रकाश, सीवर लाइन को दुरुस्त करने, कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने, शहर के अधिकांश इलाकों में दूषित पानी आने के आरोप लगाए तो नगर निगम अधिकारी बंगले झांकने लगे। जिस पर मेयर हरिकांत अहलूवालिया ने अधिकारियों से नाराजगी जाहिर की।
बैठक में जीआईएस सर्वे को लेकर पार्षदों में गुस्सा दिखाई दिया। पार्षदों ने कहा कि, जीआईएस लगाकर निगम अधिकारी जनता के उत्पीड़न कर रही है। पार्षद अभिजीत काले ने कहा कि शहर की जनता को ना तो पानी ही नसीब हो रहा है और ना ही बिजली के खंबों को दुरुस्त कराया जा रहा है। लोगों को कई कई दिनों तक गंगाजल नहीं मिलता। जबकि, शहर की सफाई व्यवस्था बेपटरी होती जा रही है।
इसके अलावा शहर के अधिकांश इलाकों की सड़क बदहाल स्थिति में है। जिन्हें दुरुस्त कराया जाए। क्योकि, इन बदहाल सड़कों के कारण आएदिन यहां से निकलने वाले राहगीर दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। वहीं, पार्षद पवन चौधरी ने आरोप लगाते हुए बताया कि वाहन डिपो में हो रही तेल की धांधली चल रही है। जिसको संज्ञान में लेते हुए धांधली करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
वहीं, पार्षद कुलदीप ने कूड़ा निस्तारण को लेकर अधिकारियों को घेरा। उन्होंने कहा कि कई साल से कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाने को लेकर नगर निगम के अधिकारी पार्षदों और जनता को गुमराह कर रहे हैं। जबकि, शहर में गंदगी और कूड़े के अंबार लगे हुए हैं। इस बात को सुनकर नगर आयुक्त अमित पाल शर्मा ने बताया कि कूड़े के निस्तारण को लेकर कंपनी से वार्ता चल रही है। जल्द ही कूड़ा निस्तारण प्लांट लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
बैठक शुरू होने से पहले सफाई कर्मचारी संघ ने विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर मेयर हरिकांत अहलूवालिया को शिकायत पत्र सौंपा। सफाई कर्मचारियों ने मेयर हरिकांत अहलूवालिया को बताया कि पिछले काफी समय से नगर निगम के सफाई कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिलने के कारण परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। जबकि, सबकुछ जानते हुए भी अधिकारी कुछ नहीं करते।