- स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर उठ रहे सवाल,
- कुछ पर कार्रवाई तो कुछ को नोटिस के बाद साध ली चुप्पी,
शारदा रिपोर्टर मेरठ। अगर आप भी अपना उपचार निजी अस्पतालों में कराने की सोच रहे हैं। तो उससे पहले अच्छे से उसकी जांच पड़ताल करना जरूरी है। आप जिस अस्पताल में ट्रीटमेंट करा रहे हैं। वहां के डॉक्टर और हॉस्पिटल मानकों के अनुरूप हैं भी या नहीं। जी हां यह बात इसलिए कह रहे हैं। क्योंकि, मेरठ में 200 अस्पतालों की जांच हाल ही में की गई। जिसमें से मानक पूरे नहीं होने के चलते दर्जन भर से अधिक अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए।
यह वहीं अस्पताल है, जहां पर बिना मानकों के ही हॉस्पिटल संचालित किए जा रहे थे। दरअसल, अगर मेरठ की बात की जाए तो शहर भर में आपको गली-गली में हॉस्पिटल खुले हुए मिल जाएंगे। ऐसे में सवाल भी उठता है कि, क्या यह सभी हॉस्पिटल मानकों के अनुरूप हैं। क्योंकि, अभी हाल ही में स्वास्थ विभाग द्वारा जो कार्रवाई की गई है। वह अस्पताल भी ऐसे ही क्षेत्र में बने हुए थे।
मेरठ में जिन 16 हॉस्पिटल में कार्रवाई की गई उनके नाम श्री भूषण अस्पताल, एमएस ग्लोबल अस्पताल, एचपी हेल्थ केयर सेंटर, इंडियन हॉस्पिटल, डायना और महावीर हॉस्पिटल, हंस हॉस्पिटल, आसाराम अस्पताल, राजीव अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर, एमपीएस हॉस्पिटल, प्रेम मेमोरियल अस्पताल, कमल निरोग धाम अस्पताल, माय सिटी अस्पताल जेबीएमआर अस्पताल, मेरठ चेस्ट एवं केजीएम अस्पताल, शुभकामना अस्पताल के नाम शामिल हैं।
22 अस्पतालों को जारी हुआ नोटिस
इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि, मेरठ में 16 अस्पतालों के लाइसेंस निरस्त कर दिए गए हैं। तो वहीं 22 अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया है। साथ ही साथ स्वास्थ विभाग की तरफ से सुनिश्चित किया जा रहा है कि, ऐसे फर्जी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।सभी के लिए एफआईआर भी दर्ज की जाएगी।
कार्रवाई के नाम पर सिर्फ चेतावनी
स्वास्थ्य विभाग मानकों के विपरीत चल रहे अस्पतालों पर सिर्फ चेतावनी ही जारी कर औपचारिकता निभा रहा है। हाल ये है कि कार्रवाई के नाम पर किसी भी अस्पताल पर न तो सील लगाई गई है। जिन अस्पतालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है, वो पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से सांठगांठ कर फिर से संचालित हो गए हैं।