– बुढ़ाना गेट चौकी प्रभारी रहते वक्त ली थी 20 हजार की रिश्वत, डीआईजी ने दिए सेवा समाप्ति के आदेश
शारदा रिपोर्टर मेरठ। रिश्वतखोर महिला दरोगा अमृता यादव को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। डीआईजी कलानिधि नैथानी ने 2017 के इस मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए उ०प्र०, अधीनस्थ श्रेणी के पुलिस अधिकारियों की (दण्ड एवं अपील) नियमावली-1991 के नियम-8 (2) (क) के अन्तर्गत प्रदत्त अधिकारों का राजहित में प्रयोग करते हुए अमृता यादव को शासन एवं पुलिस मुख्यालय की मंशानुसार लम्बित पत्रावली का निस्तारण करते हुए तत्काल प्रभाव से दिनांक 04.05.2025 को सेवा से पदच्युत यानि बर्खास्त कर दिया है।
बता दें कि अमृता यादव ने 2017 में मेरठ कोतवाली थाने की बुढाना गेट चौकी प्रभारी रहते हुए 20 हजार रुपये की रिश्वत ली थी। एंटी करप्शन की टीम ने महिला दरोगा को रंगेहाथों अरेस्ट किया था। 2024 में अदालत ने महिला दरोगा को 7 साल की जेल और 75हजार रुपए जुमार्ने की सजा सुनाई थी। अब डीआईजी ने उसे नौकरी से बर्खास्तगी का आदेश दे दिया है। महिला दरोगा इस समय बागपत जेल में बंद है।
मोदीनगर, गाजियाबाद के रहने वाले समीर ने जून 2017 में शिकायत की थी। उसने बताया कि उसकी शादी मेरठ, कोतवाली निवासी मजहर पुत्री अनवर के साथ हुई थी। शादी के बाद नाराज होकर उसकी पत्नी मायके चली गई थी। पत्नी ने उसके खिलाफ मेरठ के कोतवाली थाने में कोर्ट के जरिए दहेज उत्पीड़न , रेप, सहित कई अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें कोतवाली थाने में तैनात महिला दरोगा अमृता यादव को मुकदमें में जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था।
विवेचना के दौरान महिला दरोगा अमृता यादव ने समीर को फोन कर बुलाया और मुदकमे में लिखी गयी धाराओं में दो धाराएं कम करने के नाम पर एक लाख रुपए की मांग की थी। महिला दरोगा ने समीर से कहा कि 20 हजार रुपये लेकर आ जाओ। तो धाराएं कम कर दूंगी।
शिकायतकर्ता समीर ने इसकी शिकायत एंटी करप्शन टीम से कर दी। एंटी करप्शन टीम ने महिला दरोगा को रंगेहाथों पकड़ने के लिए पूरा जाल बिछाया। एंटी करप्शन टीम की छह सदस्यों की टीम ने समीर के साथ दो लोगों को 2 हजार रुपए के 10 नोट समीर के हाथों महिला दरोगा अमृता को भिजवाए। समीर और उसके परिजनों से बुढ़ाना गेट पुलिस चौकी पर बैठकर 20 हजार रुपये की रिश्वत ले ली।उसी दौरान एंटी करप्शन की टीम ने महिला दरोगा को रंगेहाथों पकड़ा था। इसके बाद विभागीय जांच में भी महिला दरोगा दोषी मिली थी। एंटी करप्शन की टीम ने महिला दरोगा के खिलाफ केस दर्ज कराया था।
5 सितंबर 2024 को सुनाई थी सजा
पिछले साल ही सितंबर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कोर्ट ने रिश्वतखोर महिला दरोगा अमृता यादव को सात साल की सजा सुनाई गई। उस पर 75 हजार रुपए का जुमार्ना भी लगाया है। अमृता यादव जो मूल रूप से सहारनपुर की रहने वाली है वो अपने ही थाने में 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ी गई थी। इसके बाद हुई विभागीय जांच में भी वह दोषी मिली थी। इससे पहले महिला थाने में तैनाती के समय भी अमृता यादव पर रिश्वत के गंभीर आरोप लगे थे।
अपने ही थाने में मुल्जिम बन गई थी अमृता
कोतवाली थाने में तैनात अमृता यादव अपने थाने में ही मुल्जिम बन गई थी। अमृता यादव के खिलाफ अधिकारियों ने शासन को रिपोर्ट भेजी थी। पकड़े जाने से पहले भी कई बार अमृता यादव की घूस मांगने की शिकायत पुलिस अधिकारियों के पास पहुंची थी।
डीआईजी बोले गलत आचरण नहीं होगा बर्दाश्त
डीआईजी कलानिधि नैथानी ने कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी अगर अपराध, गलत आचरण या भ्रष्टाचार में लिप्त मिला, कोर्ट में दोषी सिद्ध होता है तो उसे नौकरी से बर्खास्त किया जाएगा।