राज्य ललित कला अकादमी कलाकारों को कर रही प्रोत्साहित।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। राज्य ललित कला अकादमी, उत्तर प्रदेश द्वारा कलाकारों को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण पहल करते हुए सीसीएसयू के ललित कला विभाग तथा संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से 20 दिवसीय ग्रीष्मकालीन कला कार्यशाला का भव्य शुभारंभ किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर संगीता शुक्ला के मार्गदर्शन में चित्रकार प्रो. अलका तिवारी की अध्यक्षता में दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें विभाग के शिक्षक एवं प्रतिभागी कलाकारों ने सहभागिता की।
इस अवसर पर अकादमी के अध्यक्ष डॉ. सुनील विश्वकर्मा एवं उपाध्यक्ष श्री गिरीश चंद्र ने आॅनलाइन माध्यम से कार्यशाला की सफलता के लिए शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि राज्य ललित कला अकादमी ग्रामीण एवं पिछड़े क्षेत्रों के कलाकारों की प्रतिभा को मंच देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए सतत प्रयासरत है। यह कार्यशाला निश्चित रूप से प्रतिभागियों के कौशल विकास के साथ उन्हें भविष्य में स्वावलंबी बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
कार्यशाला में वरिष्ठ कलाकार एवं अकादमी सदस्य डॉ. दुर्जन राणा ने प्रतिभागियों को विभिन्न कलात्मक विधाओं की तकनीकी बारीकियों से अवगत कराया। प्रो. अलका तिवारी ने जानकारी दी कि कार्यशाला में मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, गाजियाबाद, मोदीनगर, गढ़मुक्तेश्वर, बागपत, बड़ौत सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों और कस्बों से बड़ी संख्या में युवाओं ने पंजीकरण कराया है।
कार्यशाला के दौरान 16 जून से 5 जुलाई तक मूर्तिकला, चित्रकला, स्थापत्य कला, आर्ट एंड क्राफ्ट तथा लोक कलाओं जैसे मधुबनी, वर्ली, पेपर मेशी, ब्लॉक प्रिंटिंग आदि का प्रशिक्षण विशेषज्ञों द्वारा प्रदान किया जा रहा है। कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारतीय कला और परंपरा से जोड़ते हुए उन्हें रोजगारपरक कौशल प्रदान करना है। चित्रकार मनीष और शिवानी ने प्रतिभागियों को लीपन आर्ट की तकनीक से परिचित कराया।
जिस पर प्रतिभागी दो दिन तक अभ्यास करेंगे। इस आयोजन को सफल बनाने में डॉ. पूर्णिमा वशिष्ठ, डॉ. शालिनी, डॉ. रीता सिंह, खालिद, विष्णु, शिल्पी और शालिनी त्यागी का विशेष योगदान रहा।