रामपुर। सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खां के परिवार पर शिकंजा कसा गया है। डीएम कोर्ट ने आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और उनके बेटे पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को सजायाफ्ता मानते हुए उनके रिवाल्वर के लाइसेंस को निरस्त कर दिए गए हैं। डीएम कोर्ट में यह मामला विचाराधीन चल रहा था। सपा नेता आजम खां इस वक्त सीतापुर जेल में बंद हैं, जबकि उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फात्मा और पूर्व विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम इन दिनों जमानत पर बाहर हैं। अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्र के मामले में कोर्ट तीनों को सजा सुना चुका है।
सपा नेता आजम खां पर 108 मुकदमे दर्ज किए गए थे, जबकि उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और उनके बेटे पर मुकदमे दर्ज किए गए थे। 2022 में पुलिस ने तीनों के शस्त्र लाइसेंस को निरस्त करने की संस्तुति डीएम से की थी, जिसके बाद से यह सभी मामले डीएम कोर्ट में विचाराधीन चल रहे थे।
डीएम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की। सुनवाई के बाद डीएम कोर्ट ने डॉ. तजीन फात्मा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम का आपराधिक रिकार्ड देखा और फिर सजायाफ्ता मानते हुए दोनों के .32 बोर के रिवाल्वर के लाइसेंस को निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। इस आदेश के जारी होने के बाद सपा खेमे में खलबली मची हुई है।
सपा नेता आजम खां की पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां के शस्त्र लाइसेंस निरस्त होने के पीछे दोनों का आपराधिक रिकार्ड और उनका सजायाफ्ता होना है। सपा नेता आजम खां के खिलाफ कुल 108 मुकदमे दर्ज किए गए थे, जिसमें से 71 मामले कोर्ट में विचाराधीन हैं।
आजम खां को पांच मामलों में सजा हो चुकी है। इसके अलावा उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा पर 44 मुकदमे विचाराधीन हैं, जिसमें उन्हें बेटे के जन्म प्रमाण पत्र के मामले में दस साल की सजा सुनाई जा चुकी है। फिलहाल वह जमानत पर हैं।
इसी तरह उनके पूर्व विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम के खिलाफ 45 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें से उनको दो जन्म प्रमाण पत्र के साथ ही मुरादाबाद कोर्ट द्वारा बवाल के मामले में दोषी करार देते हुए सजा सुनाई जा चुकी है। मां-बेटे के आपराधिक रिकार्ड और उनके सजायाफ्ता होना लाइसेंस निरस्त होने की प्रमुख वजह बना है।
आजम खां का लाइसेंस भी हुआ था निरस्त
सपा नेता आजम खां पर मुकदमे दर्ज होने के बाद प्रशासन की ओर से वर्ष 2019 में उनके तीन शस्त्र लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया था। डीएम के फैसले के खिलाफ बाद में सपा नेता आजम खां हाईकोर्ट भी गए थे, जहां से उन्हें राहत भी मिली थी।