गाजियाबाद। एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया) एक अप्रैल से टोल शुल्क में पांच फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया है। बृहस्पतिवार को एनएचएआई के दिल्ली स्थित मुख्यालय में हुई बैठक में टोल की नई दरों को मंजूरी मिल गई है।एक अप्रैल से ईस्टर्न पेरिफेरल और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सफर करना वाहन मालिकों के लिए महंगा हो जाएगा।
एनएचएआई (नेशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया) एक अप्रैल से टोल शुल्क में पांच फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया है। बृहस्पतिवार को एनएचएआई के दिल्ली स्थित मुख्यालय में हुई बैठक में टोल की नई दरों को मंजूरी मिल गई है। हालांकि छोटी दूरी के सफर के लिए छोटे प्राइवेट वाहनों की टोल दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है, लेकिन व्यावसायिक वाहनों की दरों को कम या ज्यादा सभी दूरी के लिए बढ़ा दिया गया है।
एनएचएआई ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे व दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे समेत अन्य एक्सप्रेसवे पर टोल शुल्क की वसूली की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों को दिया हुआ है। अनुबंध के मुताबिक हर साल टोल शुल्क में बढ़ोतरी किए जाने का प्रावधान किया गया है, लेकिन टोल की दरें प्राइवेट कंपनियां नहीं बल्कि एनएचएआई तय करता है। एनएचएआई के अधिकारियों ने बताया कि टोल की संशोधित दरों का प्रस्ताव तैयार करके मुख्यालय भेज दिया गया था, बृहस्पतिवार को हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में मंथन के बाद इन्हें स्वीकृति मिल गई है। अब सार्वजनिक सूचना जारी कर एक अप्रैल से इन दरों को लागू कर दिया जाएगा।
हाईवे पर पांच फीसदी बढ़ेंगी टोल की दरें
नए वित्तीय वर्ष में वाहन चालक अतिरिक्त जेब खर्च के लिए तैयार हो जाएं। हाईवे पर जिले के तीनों टोलों पर पांच प्रतिशत तक टोल टैक्स की बढ़ोतरी होगी। तीनों ही टोल द्वारा इसकी रेट लिस्ट भी जारी कर दी गई है। 31 मार्च की रात 12 बजे (एक अप्रैल) से टोल पर नई दरों के हिसाब से टैक्स देना पड़ेगा। परिवहन मंत्रालय के नियमानुसार एक अप्रैल से वाहन स्वामियों की जेबों पर अब सीधा असर पड़ने जा रहा है। वाहन चालकों को जिले के तीनों टोल प्लाजा पर टैक्स की बढ़ोतरी हो रही है। हल्के वाहनों पर एक तरफ से आने जाने में पांच से दस रुपये अधिक देने होंगे। तीनों टोल से गुजरने वाले लाखों वाहनों पर इसका सीधा असर पड़ेगा।