- अडानी और संभल पर विपक्ष हमलावर।
एजेंसी, नई दिल्ली। संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया। 20 दिसंबर तक चलने वाले इस सत्र में 5 नए विधेयक पेश होंगे, जबकि वक्फ (संशोधन) समेत 11 अन्य विधेयकों को चर्चा के लिए लिस्ट किया गया है। सरकार इन विधेयकों को इसी सत्र में पास कराने की कोशिश में है, लेकिन विपक्ष कुछ मुद्दों पर आक्रमक है और उससे पूरा सत्र हंगामेदार रह सकता है। यह सेशन कितना हंगामेदार रह सकता है इसकी बानगी पहले दिन ही देखने को मिली, जब अडानी और संभल मुद्दे पर चर्चा के लिए कांग्रेस और सपा ने जोरदार हंगामा किया। इसके बाद सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। अब बुधवार यानी 27 नवंबर को कार्यवाही शुरू होगी।
वहीं संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से एक दिन पहले रविवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी। इस दौरान कांग्रेस ने अडानी समूह के रिश्वत मामले में और मणिपुर हिंसा मामले में दोनों सदनों में चर्चा कराए जाने की मांग की। विपक्षी दल दोनों ही मुद्दों पर सरकार से जवाब चाहते हैं। अडानी रिश्वतकांड और संभल हिंसा पर पूरा विपक्ष एकजुट होकर चर्चा करने की मांग कर रहा है। विपक्ष लगातार सरकार पर अडानी को बचाने का आरोप लगा रहा है।
शीतकालीन सत्र के पहले दिन के शुरूआती घंटे में इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा हुआ और सदन को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। 12 बजे के बाद जब कार्यवाही शुरू हुई तो कांग्रेस और सपा ने संभल मुद्दे पर चर्चा की मांग की। इसे लेकर दोनों दलों के सांसद नारेबाजी करने लगे। हंगामा देखकर संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई। ऐसे में अब इस मुद्दे पर आगे भी जोरदार हंगामे के आसार हैं।