– ट्रैक्टर से बाहर निकाले जा रहे सामान।
नोएडा। यमुना का जलस्तर बढ़ने से नोएडा के डूब क्षेत्र में हालात बिगड़ गए हैं। यहां दो दिन से पानी भरने के बाद लोग पलायन करने को मजबूर हो गए हैं। सबसे ज्यादा असर सेक्टर-133, 134, 135, 150 और 168 इलाके में देखा जा रहा है। इन जगहों पर करीब 1,500 से ज्यादा फार्महाउस पानी में डूब गए हैं। प्रशासन ने पुश्ता एरिया को पूरी तरह खाली करा दिया है। नगली वाजिदपुर के बारातघर और दो अन्य जगहों पर राहत कैंप बनाए गए हैं। यहां सामुदायिक किचन चलाया जा रहा है ताकि प्रभावित लोगों को खाने की परेशानी न हो।
पुश्ता रोड करीब 16 किलोमीटर लंबी है। सेक्टर-94 से 168 तक लोग झुग्गियां डालकर रहने लगे हैं। इनमें ज्यादातर वही लोग हैं, जो फार्महाउस, नर्सरी और खेतों में मजदूरी करते थे। प्रशासन के अलर्ट के बाद ये लोग अपना सामान लेकर बाहर आ गए और अस्थायी झुग्गियों में शरण ले ली।
लोग खुद ही खाना बनाकर बच्चों का पालन-पोषण कर रहे हैं। हालांकि अब भी कई परिवार ऐसे हैं जिन तक प्रशासन की मदद नहीं पहुंची है। सबसे ज्यादा दिक्कत शौचालय और डॉक्टर की कमी को लेकर है। लोग कह रहे हैं कि अगर जल्द इंतजाम न हुआ तो बीमारी फैलने का खतरा बढ़ सकता है।
बाढ़ से प्रभावित इलाकों में बच्चे, बुजुर्ग और नौजवान सभी परेशान हैं। जो लोग सुरक्षित बाहर आ चुके हैं, वे अब अंदर फंसे लोगों का सामान निकालने में मदद कर रहे हैं। यमुना पुश्ता से करीब 100 मीटर अंदर तक पानी घुस चुका है। यह तब हुआ जब हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से करीब 3 लाख 25 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
स्थानीय लोगों के मुताबिक, मंगलवार शाम करीब चार बजे पानी पहुंचा था। इसके बाद से जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और बुधवार तक यह पुश्ते के करीब पहुंच गया। पानी भरने से खेतों की खड़ी फसलें और नर्सरी में रखे पौधे पूरी तरह नष्ट हो गए। लोग जरूरी सामान तो बाहर निकाल लाए लेकिन खेत और फसलें पानी में बह गईं।
5 से 10 फीट तक पानी, ट्रैक्टर से हो रहा सामान बाहर
कई जगहों पर 5 से 10 फीट तक पानी भरा हुआ है। लोग अब भी ट्रैक्टर की मदद से अंदर जा रहे हैं और बचा हुआ सामान निकालकर बाहर ला रहे हैं। हालांकि हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और लोगों के सामने रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने की चुनौती खड़ी हो गई है।
अब भी लगातार आ रहा पानी
हथनीकुंड बैराज से छोड़ा गया पानी मंगलवार रात में भी यमुना में पहुंच रहा है। इससे जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। मंगलवार को यमुना का स्तर 200.60 मीटर था, जो रात तक बढ़कर करीब 207 मीटर तक पहुंचने की आशंका है। इसके साथ ही नोएडा में हो रही बारिश ने भी हालात और बिगाड़ दिए हैं। लोग लगातार अपने फार्महाउस और घर खाली कर रहे हैं।
2000 से ज्यादा पशु निकाले गए
यमुना पुश्ता क्षेत्र में एक बड़ी गैर-सरकारी गौशाला है। यहां से अब तक 2000 से ज्यादा मवेशियों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है, जबकि कई और अंदर फंसे हैं जिन्हें निकालने का काम जारी है। राहत शिविरों में अब तक करीब 600 से ज्यादा लोग शरण ले चुके हैं। वहीं, एक हजार से ज्यादा लोग पुश्ता और नीचे की सड़कों पर झुग्गियां डालकर रह रहे हैं।
ये गांव हुए प्रभावित
बाढ़ का असर नोएडा के मंगरौली, छपरौली, गुलावली, मोहियापुर, झट्टा, याकूतपुर और नगली वाजिदपुर गांवों पर सबसे ज्यादा पड़ा है। इन जगहों पर पानी लगातार फैल रहा है और लोगों की दिक्कतें बढ़ रही हैं। लोगों का कहना है कि हालात पिछले साल 2023 जैसी स्थिति की ओर बढ़ रहे हैं। तब यमुना पुश्ता से करीब 1200 लोगों को रेस्क्यू करना पड़ा था और हजारों मवेशियों को भी बाहर निकाला गया था। प्रशासन को तब सामुदायिक किचन और आश्रय स्थलों के जरिए 2000 से ज्यादा लोगों के खाने-पीने की व्यवस्था करनी पड़ी थी।