शारदा रिपोर्टर मेरठ। मेरठ के सफाई कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधाओं और समस्याओं को लेकर बुधवार को वाल्मीकि समाज के लोग सर्किट हाउस पहुंचे। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के सदस्य लवकुश कुमार से मिले। इस दौरान वाल्मीकि समाज के लोगों ने उन्हें बताया कि नगर निगम मेरठ पर की गई गलत व्याख्या के परिणाम स्वरूप अनुसूचित जाति के अस्थाई सफाई कर्मियों को क्षति पहुंचाई गई। जबकि, गलत व्याख्या प्रस्तुत कर नगर निगम मेरठ में सफाई कार्मिकों को गैर कानूनी ठेकेदारी में दर्शाकर भविष्य के सभी हित और लाभ खत्म कर पहुंचाई गई भारी क्षति से नगर निगम कर्मचारियों में गुस्सा है।
उन्होंने कहा कि, नगर निगम मेरठ में सफाई कर्मियों के 3367 पद हैं। जबकि समय समय पर सफाई कर्मचारी सेवानिवृत्त भी होते रहते हैं। जबकि, रिक्त पदों पर भर्ती नहीं होने के चलते नगर निगम में सफाई कार्मिकों की संख्या लगातार कम होती जा रही है। इसलिए मेरठ नगर निगम में सफाई कार्मिकों की भर्ती अनिवार्य रूप से की जानु बेहद जरूरी है। ताकि, शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि, सफाई कर्मचारियों की भर्ती नहीं होने के चलते शहर की व्यवस्थाएं बदहाल होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि, बीस साल पहले शहर की आबादी दस लाख के आस-पास थी। उस समय मेरठ नगर निगम में सफाई कार्मिकों की संख्या लगभग उतनी ही थी, जितनी की आज के समय में है। उन्होंने बताया कि, बेहद जरूरी है कि अब मेरठ नगर निगम में सफाई कार्मिकों की भर्ती की जाए और उन्हें मिलने वाली मूलभूत सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जाए।