– भाजपा के मंत्रियों, विधायकों और आला नेताओं के सजातीय समर्थकों की गुंडागर्दी से बढ़ रहा जनाक्रोश।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। कभी समाजवादी पार्टी पर गुंडागर्दी का आरोप लगाकर सत्ता में आयी भाजपा भी अब उसी दौर से गुजर रही है। भाजपा के नेता और उनके समर्थक जिस तरह सड़कों पर गुंडई कर रहे हैं, उससे जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि अब भाजपा के कुछ नेता भी दबी जुबान में इस गुंडागर्दी से आहत नजर आ रहे हैं। क्योंकि आने वाले समय में ये स्थिति कहीं न कहीं भाजपा के लिए घातक हो सकती हैं।
शहर में सबसे ज्यादा मामले दक्षिण विधायक और राज्यमंत्री डा. सोमेंद्र तोमर को लेकर सामने आए हैं। उनके मंत्री बनने के बाद से लगातार एक खास जाति के लोग उग्र और अभद्र व्यवहार करते नजर आए हैं। जिसमें राज्यमंत्री के संरक्षण को लेकर भी हर बार आवाज उठी है। यह बात अलग है कि राज्यमंत्री ने जहां इसे सिरे से नकारा है, वहीं पुलिस की ढुलमुल कार्रवाई या एक तरफा कार्रवाई ने आरोपों को बल दिया है।
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इन सारे मामलों में अहम बात ये है कि सबसे ज्यादा प्रताड़ित शहर का व्यापारी और वैश्य वर्ग हुआ है। किसी न किसी स्तर पर व्यापारियों को मेडिकल थाना क्षेत्र से लेकर परतापुर थाना क्षेत्र तक एक खास जाति के लोगों का दबाव झेलना पड़ रहा है। जिससे व्यापारियों में जहां आक्रोश बढ़ रहा है, वहीं वैश्य समाज भी जो भाजपा का सबसे मजबूत वोट बैंक है, वह भी नाराज नजर आ रहा है।
ताजा मामला तेजगढ़ी चौराहे पर रविवार रात को हुआ विवाद है। जिसमें एक वैश्य वर्ग गे युवक सत्यम रस्तोगी से भाजपा का युवा नेता न केवल माफी मंगवा रहा है, बल्कि राज्यमंत्री का नाम लेकर गंदी गालियां देते हुए सत्यम की नाक सड़क पर रगड़वा रहा है। इस बीच पुलिस की वहां मौजूदगी भाजपा की नीति और नियत पर सवाल खड़ी कर रही है।
इस पूरे मामले में अब तक पुलिस ने किरकिरी से बचने के लिए आरोपी को शांतिभंग में चालान कर इतिश्री कर ली है। यह बात अलग है कि मौके पर मौजूद तीन पुलिसकर्मियों पर जरूर कार्रवाई की गई है। लेकिन क्या मुख्य आरोपी विकुल चपराना के खिलाफ तहरीर के अनुसार संगीन धाराओं में कार्रवाई करेगी? इस कार्रवाई के ऊपर शहर के व्यापारी वर्ग और वैश्य वर्ग की नजरें लगी हुई हैं।


