एसआईसी ऑफिस से लेकर वार्ड और इमरजेंसी में हर जगह बैठे रहते हैं कुत्ते।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। पीएल शर्मा जिला अस्पताल में लगातार अनियमितता बढ़ती जा रही हैं, इसके बाद भी प्रबंधन इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है। वार्डों में भर्ती मरीजों के तीमारदारों का कहना है कि बाहर कुत्ते घूमते रहते है इस कारण हर समय एक अलग डर बना रहता है।
पीएल शर्मा अस्पताल के हड्डी वार्ड में भर्ती मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि यह वार्ड वैसे तो पहली मंजिल पर है लेकिन यहां तक भी कुत्ते आ जाते हैं। खाना खाने अगर वार्ड के बाहर बैठते हैं तो कुत्ते बराबर में आकर खड़े हो जाते हैं। ऐसे में छोटे बच्चे भी साथ रहते हैं तो काट न ले इसका डर रहता है।
जिला अस्पताल की एसआईसी सुदेश कुमारी के कक्ष तक भी यह कुत्ते पहुंच जाते हैं और कोई इस पर संज्ञान नहीं लेता है। मरीजों का कहना है कि जब अधिकारियों के कक्ष तक जाने पर इन्हे कोई नहीं रोकता तो आम जनता के पास या इमरजेंसी में कैसे रोक लग सकती है।
कुछ दिन पहले भी अस्पताल से एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे एक महिला अपने बच्चे को लेकर बैठी थी और उसी बैंच पर एक कुत्ता बैठा था। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने इस और कोई ध्यान नहीं दिया था। इलाज कराने आने वाले मरीजों और उनके तीमारदारों को ऐसे में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
पीएल शर्मा जिला अस्पताल में हर रोज 100 से ज्यादा इंजेक्शन एंटी रेबिज के लगाए जाते हैं। इसके बाद भी परिसर में ही कुत्तों पर कोई रोक नहीं लगाई जा रही है। ऐसे में मरीजों को इलाज के साथ साथ इसबात का भी डर रहता है कि उसे या तीमारदार को कुत्ता न काट ले।
हालात ये हैं कि जब किसी जनप्रतिनिधि या उच्चाधिकारी का दौरा या निरीक्षण जिला अस्पताल में तय होता है, तो जिला अस्पताल के कर्मचारी कुत्तों को दौड़ाने का काम करते हैं। लेकिन उनके जाते ही व्यवस्था फिर अपने पुराने ढर्रे पर लौट आती है। जिला अस्पताल का शायद ही कोई वार्ड, ओपीडी या गलियारा हो, जहां कुत्तों का डेरा न हो। बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन इस तरफ देखकर भी आंख बंद किए बैठा रहता है।