शारदा रिपोर्टर मेरठ। श्री वेंकेटेश्वरा विश्वविद्यालय में स्कूल ऑफ ह्यूमैनिटिज एंड सोशल साइंसेज एवं स्कूल ऑफ जर्नलिज्म एवं मास कॉम के संयुक्त तत्वाधान में फेक न्यूज इम्पैक्ट आॅन सोसाइटी एण्ड लिटरेचर विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमीनार का शानदार शुभारम्भ हुआ।
जिसमें मुख्य अतिथि / वक्ता के रूप में प्रतिभाग करते हुए देश के वरिष्ठ मीडिया सलाहकार डा. डी.जे. पति एवं नामचीन एंकर शशि तुषार शर्मा ने उपस्थित छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रचार-प्रसार का बहुत ही त्वरित माध्यम होने के कारण सोशल मीडिया आज पूरे विश्व में अपनी पकड़ बना चुका है। लेकिन इस पर कोई एडिटोरियल कमाण्ड ना होने के कारण यह भ्रामक / झूठी (फेक न्यूज) खबरों का बड़ा प्लेटफार्म बन गया है, जिसके कारण यह देश में सामाजिक सौहार्द एवं राष्ट्रीय एकता के लिए बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। उन्होंने सरकार द्वारा बिना सम्पादकीय नियंत्रण वाले सभी मीडिया प्लेटफार्म की निगरानी एवं इन पर अंकुश लगाने की भी वकालत की।
श्री वेंकेटेश्वरा विश्वविद्यालय / संस्थान के डा. सी.वी. रमन सभागार में फेक न्यूज इम्पैक्ट आॅन सोसाइटी एण्ड लिटरेचर विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ वेंकेटेश्वरा समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा. सुधीर गिरि, देश के जाने-माने मीडिया सलाहकार एवं इण्डिया टुडे समूह के निदेशक डा. डी. जे. पति, प्रतिकुलाधिपति डा. राजीव त्यागी, जानी-मानी टी.वी. जर्नलिस्ट शशि तुषार शर्मा, कुलपति प्रो. (डा.) कृष्णकान्त दवे आदि ने सरस्वती माँ की प्रतिमा के सन्मुख दीप प्रज्ज्वलित करके किया।
अपने सम्बोधन में मुख्य वक्ता वरिष्ठ मीडिया सलाहकार डा. डी.जे. पति ने कहा कि आजकल सोशल मीडिया सूचनाओं एवं खबरों के आदान-प्रदान का बहुत ही त्वरित वैश्विक प्लेटफार्म है, पर इसके ऊपर कोई सम्पादकीय नियंत्रण ना होने के कारण यह तेजी से फेक न्यूज का केन्द्र बन गया है, जो सामाजिक सदभाव एवं राष्ट्रीय एकता के लिए बड़ी चुनौती है।
जानी-मानी टी.वी. पत्रकार शशि तुषार शर्मा ने कहा कि आज देश में 75 करोड़ से ज्यादा इन्टरनेट यूजर है, ऐसे में भले ही सोशल मीडिया के प्रचार-प्रसार की गति बहुत तेज हो लेकिन विश्वसनीयता के मामले में आज भी प्रिंट मीडिया एवं इसके बाद इलेक्ट्रानिक मीडिया सबसे ऊपर है। क्योकिं इन दोनों प्लेटफार्म पर कोई भी खबर प्रसारित / प्रचारित होने से पहले दर्जनों जगह उसकी जाँच-पड़ताल होती है। कार्यक्रम का संयुक्त मंच संचालन डा. अनिल जायसवाल एवं डा. उमा मिश्रा ने किया।