Home Meerut … तो ऐसे खेलेगा इंडिया, बिना कोच के पसीना बहा रहे खिलाड़ी

… तो ऐसे खेलेगा इंडिया, बिना कोच के पसीना बहा रहे खिलाड़ी

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– कैलाश प्रकाश स्टेडियम में खिलाड़ियों के भविष्य से हो रहा खिलवाड़
– शूटिंग जैसे खतरनाक खेल में खिलाड़ियों की भी जान जोखिम में


प्रेमशंकर, मेरठ। केंद्र व राज्य सरकारें देश में खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए तमाम तरह की योजनाएं चला रहीं है। खिलाड़ियों का भविष्य उज्जवल बनाने के लिए स्टेडियम में कोचों की नियुक्त्तियां की गई है। लेकिन यह सिर्फ एक दिखावा नजर आता है, क्योंकि मेरठ के कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में आठ खेलों के कोचों का समय समाप्त हो गया है, दो माह बीतने जा रहें है जब खिलाड़ी बिना कोच के ही पसीना बहा रहें है। ऐसे में इन खिलाड़ियों का भविष्य क्या होगा यह सवाल उठने लगा है।

मेरठ के कैलाश प्रकाश स्टेडिय से कई अंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकले है जिन्होंने पूरी दुनिया में देश व जिले का नाम रोशन किया है। ऐसी ही एक खिलाड़ी है माधपुरम की रहने वाली एथलीट प्रियंका गोस्वामी। इन खिलाड़ियों को अपना आदर्श मानने वाले सैंकड़ो खिलाड़ी स्टेडियम में पसीना बहा रहें है। लेकिन विडंबना यह कि पिछले एक माह से स्टेडियम के आठ अंशकालिक कोचों का समय समाप्त होने के बाद रिन्युवल नहीं हुआ है।

– इन कोचों का समय हो चुका है समाप्त

कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स में करीब ढाई हजार खिलाड़ियों ने रजिस्ट्रेशन करा रखा है। जिनमें शौकिया व प्रोफेश्नल खिलाड़ी शामिल है। लेकिन हॉकी कोच भुपेश, जिमनास्टिक कोच निर्मला सिंह, जूडो कोच अंशु दलाल, वॉलिबॉल कोच अंशु, वेटलिफ्टिंग कोच संदीप कुमार, शूटिंग कोच अप्सरा चौधरी, वुशू कोच नेहा कश्यप व फुटबॉल कोच ललित पंत का समय बीती 31 जनवरी को समाप्त हो चुका है जो अभीतक रिन्यु नहीं हुआ है। वहीं, बेडमिंटन का कोई कोच है ही नहीं।

– शूटिंग खिलाड़ियों ने लगाए गंभीर आरोप

स्टेडियम की शूटिंग रेंज में अभ्यास करने वाले शूटरों ने कोचिंग व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए है। शूटर अंजलि का कहना है शूटिंग कोच अप्सरा केवल दोपहर में ही रेंज पर आती है। जबकि उनका समय एक माह पहले समाप्त हो चुका है। वहीं शूटिंग रेंज में वह अपने मनमुताबिक खिलाड़ियों को ही अभ्यास कराती है। शूटर का आरोप है कि कोच के नहीं होने से यदि कोई हादसा हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं है। शूटर ज्ञानेश्वर का कहना है कोच उन्हें दोपहर को प्रैक्टिस के लिए बुला रही है जबकि वह सुबह के समय अभ्यास करना चाहते है। वहीं सवाल यह कि जब कोच का समय समाप्त हो गया है तो वह कैसे अभ्यास करा रही है। शासनादेश के अनुसार अभ्यास के लिए सुबह छह बजे से नौ बजे तक और दोपहर तीन बजे से शाम छह बजे तक का समय निर्धारित है। शूटर शिवा सिंह का कहना है हम सुबह के समय अभ्यास करना चाहते है लेकिन सुबह कोच नहीं आती। ऐसे में बिना कोच के अभ्यास कैसे करें यह सवाल है। अभी जो कोच है उनका टेन्योर समाप्त हो चुका है, जबकि प्रांतीय क्रीड़ा अधिकारी कहते है कि वह अब उन्हें अभ्यास नहीं करने देंगे। जबकि उनसे अभ्यास के रूप में फीस जमा करा ली गई थी। हम वर्किंग करते है तो ऐसे में हमे सुबह का समय ही सूट करता है।

– खिलाड़ियों के भविष्य के साथ खिलवाड़

अब सवाल यह उठता है कि जब स्टेडियम के आठ कोचों का समय समाप्त हो चुका है तो खिलाड़ियों को अभ्यास कौन कराएगा। ऐसे में जितने भी खिलाड़ी स्टेडिय में अभ्यास करने आ रहें है उनका भविष्य दांव पर लगा है। देखना होगा अब इन खिलाड़ियों को स्टेडियम में कोचों की सुविधा कब मिलती है और कब सरकार का खेलेगा इंडिया, तो आगे बढ़ेगा इंडिया नारा परवान चढ़ता है?

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