Home उत्तर प्रदेश Meerut विनायक कॉलोनी विवाद में राज्यमंत्री और पूर्व विधायक आए आमने-सामने !

विनायक कॉलोनी विवाद में राज्यमंत्री और पूर्व विधायक आए आमने-सामने !

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– कॉलोनी के प्लॉट धारकों ने फिर किया प्रदर्शन, संगीत सोम बोले अधिकारियों से की जाएगी बात
– राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर पहले ही अपना पक्ष रखते बता चुके हैं खुद को पाकसाफ


शारदा रिपोर्टर मेरठ। विनायक कॉलोनी विवाद में भाजपा के राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर और पार्टी के फायर ब्रांड नेता सरधना से पूर्व विधायक संगीत सोम आमने सामने आ गए हैं। पावलीखास में किसानों और पूर्वसैनिकों के रास्ते को लेकर चले आ रहे विवाद में एक ही पार्टी के दो बड़े नेता अलग-अलग बयान दे रहे हैं।

 

विनायक कॉलोनी विवाद में राज्यमंत्री सोमेंद्र और पूर्व विधायक संगीत सोम आए आमने-सामने !

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दक्षिण विधायक और ऊर्जा राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर पर जमीन और रास्ता कब्जाने का आरोप लगाने वाले पीड़ित शुक्रवार को सरधना विधायक संगीत सोम के पास पहुंचे थे। पीड़ितों ने संगीत सोम के घर पर पहुंचकर हंगामा, प्रदर्शन कर नारेबाजी कर दी। पीड़ित एक्स आमीर्मैन, किसानों और महिलाओं ने पूर्व विधायक से अपनी जमीन वापस दिलाने के लिए गुहार लगाई।

पावलीखास विनायक विद्यापीठ से सटकर कुछ एक्स आर्मीपर्सन, किसानों की जमीनें हैं। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि विधायक सोमेंद्र तोमर ने उनके प्लाटों पर कब्जा किया है। यहां से जो सार्वजनिक रास्ता है उसे भी भाजपा नेता ने कब्जा लिया है। पीड़ित महिला, पुरुष हाथों में तख्ती, पोस्टर लेकर संगीत सोम के घर पहुंचे।

पीड़ितों ने पूर्व विधायक से कहा कि हमारे प्लॉटों पर जाने वाला रास्ता जो सार्वजनिक सड़क थी। जिसे खुद संगीत सोम ने सरधना विधायक रहते वक्त बनवाया वो अब निजी रास्ता बन चुकी है। भाजपा नेता हमें वहां से निकलने नहीं देते। उसे अपनी जमीन बताते हैं। वहां से सरधना विधायक के नाम वाला पत्थर भी उखाड़कर अपने संस्थान का नाम लिखा दिया है।
भाजपा नेता और सरधना से पूर्व विधायक संगीत सोम ने कहा कि वो रास्ता मेरा ही बनवाया हुआ था। मेरी ही निधि के पैसे से वो रास्ता बना था। सावर्जनिक रास्ता है क्यों बंद किया गया है यह बात की जाएगी, अफसरों से भी बात करूंगा कि आखिर ये रास्ता क्यों बंद किया गया। पीड़ित मेरे पास आए हैं उन्होंने शिकायत की है कि सार्वजनिक रास्ता बंद किया गया है, ये सच्चाई है मैंने ही रास्ता बनवाया था। बंद क्यों हुआ इसको जरूर देखूंगा।

वहीं दूसरी ओर राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर विगत दिनों पत्रकार वार्ता में इस मामले को लेकर अपना पक्ष रख चुके हैं। उनका कहना है कि कॉलेज उन्होंने विधायक बनने से पहले खरीदा था ओर उसमें कोई भी सार्वजनिक रास्ता नहीं है, बल्कि यह उनका निजी रास्ता है। तहसील सरधना से भी इसकी जांच हो चुकी है। यह जांच रिपोर्ट डीएम को दी जा चुकी है। ऐसे में विवाद करने वाले लोग राजनीति से प्रेरित होकर उनके खिलाफ षड़यंत्र कर रहे हैं।

वहीं शनिवार को एक बार फिर विनायक कॉलोनी से जुड़े लोग हाथों में तख्ती लेकर मंडलायुक्त कार्यालय पहुंचे और ज्ञापन देकर उनके प्लॉट और रास्ते से कब्जा हटवाने की मांग की। लोगों ने बताया कि सरधना तहसील द्वारा दी गई रिपोर्ट राज्यमंत्री के दबाव में दी गई है। जिसमें उनका पक्ष न तो सुना गया और न ही उनसे साक्ष्य ही मांगे गए। इसलिए इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

 

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