- परिजनों ने दो के खिलाफ लिसाड़ी गेट थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट।
- हर स्तर पर लापरवाही आयी सामने।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। अवैध कालोनी ध्वस्त करने के दौरान जेसीबी चालक छोटेलाल के घर 24 घंटे बाद भी मेरठ विकास प्राधिकरण का कोई अधिकारी नहीं पहुंचा। प्राधिकरण के अधिकारियों ने इतनी भी जहमत नहीं उठाई कि, आखिर जिस विभाग के लिए छोटे लाल काम किया करता था, उसे परिजनों को सांत्वना दी जाए। जिसके चलते मृतक के परिजनों में विभाग के अधिकारियों को लेकर गुस्सा है। वहीं मृतक के पुत्र ने इस मामले में दो लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
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बता दें कि, सोमवार सुबह मेरठ विकास प्राधिकरण की टीम अधिकारी अर्पित यादव के नेतृत्व में लिसाड़ी गेट थानाक्षेत्र के समर गार्डन ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने पहुंची थी। इस दौरान यहां बड़ा हादसा हो गया। दरअसल, सोमवार लगभग 12 बजे यहां मेरठ विकास प्राधिकरण की टीम अवैध कालोनी को ध्वस्त करने पहुंची थी। तभी मेडा की जेसीबी मशीन अचानक कालोनी के ऊपर से गुजर रही 11 हजार केवी की बिजली लाइन से टच हो गई। जिसमें जेसीबी चालक छोटे लाल की मौत हो गई। वहीं सहायक ज्ञान प्रकाश भाग गया।
मेरठ विकास प्राधिकरण की टीम सोमवार को लोहिया नगर थानाक्षेत्र के मदीना फेज-2 की अवैध कालोनी को ध्वस्त करने पहुंची थी। टीम को यहां बिजली के खंभे हटाने थे। बताया जा रहा है कि, टीम ने बिना शटडाउन लिए ही खंभे हटाना शुरू कर दिया था। इसके बाद अचानक 11 केवी की लाइन से जेसीबी मशीन टच हो गई और करंट उतरने से हादसा हो गया।
जिस समय करंट उतरा, तो मेडा के जो अफसर और कर्मचारी मौके पर आए थे, वो भी मौके से भाग गए। किसी ने ये तक नहीं सोचा कि घायलों को अस्पताल में तुरंत भर्ती कराना चाहिए। बल्कि, सभी लोग हादसे के होते ही भाग गए। न ही किसी ने ये सोचा कि बिजली का शट-डाउन करा दें। जिसके चलते यह हादसा हुआ।