Home Meerut मेरठ में वक्फ की अरबों रुपये की 3551 संपत्ति, वक्फ अधिनियम में...

मेरठ में वक्फ की अरबों रुपये की 3551 संपत्ति, वक्फ अधिनियम में बदलाव के बिल को लेकर मामला गरमाया

0
  • वक्फ अधिनियम में बदलाव के बिल को लेकर मामला गरमाया हुआ है।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे वक्फ अधिनियम में बदलाव के बिल को लेकर मामला गरमाया हुआ है। केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ एक्ट 1995 में संशोधन के लिए वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 और मुसलमान वक्फ एक्ट 1923 को समाप्त करने के लिए मुसलमान वक्फ (रिपील) बिल 2024 को लोकसभा में पेश कर दिया है। केंद्र सरकार अगर इस बिल को पास कराने में कामयाब रहती है तो इसका मेरठ में भी बड़ा असर देखने को मिलेगा।

जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार मेरठ में भी शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड की करीब 3551 संपत्तियां है जिनका क्षेत्रफल करीब 2000 एकड़ से ज्यादा बताया गया है। अरबों की बेशकीमती जमीन का मालिकाना हक वक्फ बोर्डों के पास है। हालांकि वक्फ संपत्तियों से जुड़े सबसे ज्यादा विवाद भी हैं। वक्फ बोर्ड की संपत्ति शहर से लेकर जनपद के अधिकतर मुस्लिम बाहुल्य कस्बों में हैं। इसमें मवाना, सरधना, फलावदा, सिवालखास और लावड़ कस्बे में भी वक्फ की करोड़ों की जमीन पड़ी है।

वक्फ की संपत्तियों पर हो रहे कब्जे: मेरठ में वक्फ की साढ़े तीन हजार से ज्यादा संपत्तियां हैं। लेकिन यह भी सच है कि इनमें अधिकांश बेशकीमती हैं। लेकिन अधिकारियों और वक्फ के जिम्मेदारों की सांठगांठ से भूमाफिया इन पर कब्जा करते जा रहे हैं। मेरठ में तमाम ऐसी संपत्तियां हैं जिन पर कब्जे हो चुके हैं और अभी भी हो रहे हैं। लेकिन प्रशासन इस तरफ ध्यान नहीं दे रहा है।

क्या होता है वक्फ

वक्फ अरबी भाषा के वकुफा शब्द से बना है। जिसका अर्थ होता है ठहरना, वक्फ का मतलब है ट्रस्ट या जायदाद को जन-कल्याण के लिए समर्पित करना। इस्लाम में वक्फ उस संपत्ति को कहते हैं जो अल्लाह के नाम पर जन- कल्याण के लिए दान कर दी जाती है। एक बार संपत्ति वक्फ हो गई तो फिर उसे मालिक भी वापस नहीं ले सकता है। वक्फ भी दो तरह के होते हैं। एक वक्फ अलल औलाद और दूसरा अलल खैर, वक्फ अलल औलाद का मतलब यह वक्फ संपत्ति परिवार के ही किसी सदस्य के लिए होगी। उस वक्फ का मुतवल्ली यानि प्रबंधक का पद परिवार के सदस्य के पास ही रहेगा, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहेगा। दूसरा वक्फ अलल खैर है। मतलब यह सार्वजनिक वक्फ है। इस संपत्ति को जनता के लिए वक्फ किया गया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here