शारदा रिपोर्टर मेरठ। मुंबई में जैन मंदिर तोड़े जाने के विरोध में मंगलवार को जैन समाज के लोगों ने कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें तत्काल मंदिर तोड़े जाने से जुड़े सभी जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई।
ज्ञापन में कहा कि मुंबई महाराष्ट्र में विले पार्ले (पूर्व) स्थित दिगंबर जैन मंदिर को मुंबई महानगर पालिका द्वारा तोड़े जाने का समाचार पूरे देश में प्रसारित हुआ है। जबकि, कई वर्षों से अधिक समय से इस मंदिर में जैन श्रद्धालु अपनी पूजा अर्चना, भक्ति करते थे। उन्होंने बताया कि, इस मंदिर को जिस तरीके से तोड़ा गया है, वह अत्यंत निंदनीय एवं जैन समाज में रोष पैदा करने वाला बना हुआ है। देशभर के जैतन समाज में इस कार्यवाही से तीव्र आक्रोश फैला हुआ है।
ज्ञापन में कहा कि ऐसा कहा जा रहा है कि, इस कार्यवाही के पीछे किसी होटल वाले समूह का व्यक्तिगत स्वार्थ निहित होने के कारण उन्होंने मुंबई महानगर पालिका की व्यवस्था को प्रभावित करके यह कार्यवाही करवाई है, जो अत्यंत निंदनीय है। इसलिए जैन समाज की इस बात को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए आवश्यक कार्यवाही का निर्देश देने का विनम्र अनुरोध है।
उन्होंने कहा कि, महानगर पालिका के अधिकारी इस मंदिर की कानूनी प्रावधानों का भंग करने वाला निर्माण बताने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इस तरह के हजारों निर्माण सर्वत्र देखने को मिलते हैं। लेकिन मंदिर जैसे आस्था के केंद्र को जिस तरह से जमींदोज किया गया है, यह बात किसी भी तरह से सहनीय नहीं हो सकती। जैन समाज की आस्था को देखते हुए प्रशासन को इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए।