Home Meerut अवैध टैंपो स्टेंड: सत्ता के संरक्षण में चल रही वसूली की ठेकेदारी

अवैध टैंपो स्टेंड: सत्ता के संरक्षण में चल रही वसूली की ठेकेदारी

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टैंपो स्टेंड
  • शहर में टैंपों संचालन में हो रहा जमकर खेल, टैंपों संचालकों की शिकायत के बाद सच आया सामने
  • निगम द्वारा नहीं छोड़ा गया है किसी भी क्षेत्र में ठेका कई जगह हो रही है वसूली।

शारदा रिपोर्टर

मेरठ। टैंपों संचालन के नाम पर शहर में अवैध वसूली का कारोबार पूरी तरह संचालित है। अहम बात ये है कि इसमें पुलिस के साथ ही सत्ता का भी खुला संरक्षण रहता है। ये कथित ठेकेदार सरकार बदलते ही अपना आका बदल लेते हैं और उनके संरक्षण में खुलेआम उगाही करते हैं।

मंगलवार को एसएसपी आॅफिस पर परतापुर से बेगमपुल तक टैंपों चलाने वाले पहुंचे और शिकायत की। जिसमें एक कथित जयवीर सिंह नाम के ठेकेदार पर आरोप लगाया कि वह पचास रूपया प्रति चक्कर प्रति टैंपों से वसूलता है। पैसे न देने पर उसके गुर्गे टैंपों चालकों के साथ मारपीट करते हैं। इस उत्पीड़न की शिकायत के बाद भी पुलिस टैंपों संचालकों के पक्ष में कोई
कार्रवाई नहीं करती है।

यह शिकायत सिर्फ एक रूट की है। गंगानगर, कसेरूबक्सर, से आने वाले टैंपो भी ठेकेदार से पीड़ित हैं। बेगमपुल, रेलवे रोड, हापुड़ अड्डा, मेडिकल क्षेत्र इन सब जगहों पर टैंपों संचालकों को कथित ठेकेदार संचालित कर रहे हैं। अब इन कथित ठेकेदारों ने ई-रिक्शाओं से भी वसूली शुरू कर दी है।

टेंपों संचालकों के अनुसार चालीस से पचास रुपये प्रति चक्कर की वसूली होती है। जिसके बदले में उनके संचालन को पुलिस नहीं रोकती है। सुविधा के नाम पर टैंपों संचालकों को कहीं पर भी टैंपो रोकने, कहीं पर भी अपना स्टेंड बनाने की सुविधा ठेकेदारों के माध्यम से मिल जाती है।

इस मिलीभगत के खेल में सबसे ज्यादा परेशानी शहर के लोगों को हो रही है। कथित ठेकेदार पुलिस से साज कर टेंपुओं का संचालन शहर में करवा रहे हैं। स्थिति ये है कि हर रास्ते पर उसकी क्षमता से ज्यादा टैंपों दौड़ रहे हैं। जिसके कारण प्रत्येक मार्ग पर जहां जाम के हालात बने रहते हैं तो दुघर्टनाएं भी होती रहती हैं। बुधवार को ही डी ब्लॉक शास्त्रीनगर मोड के पास एक ई-रिक्शा सवारियों सहित पलट गई।

बताया गया कि इस ई रिक्शा को एक नाबालिग किशोर चला रहा था। लेकिन इन सबको देखने की फुरसत पुलिस या ट्रेफिक पुलिस के लोगों को नहीं है। इसीलिए शहर के हर मार्ग पर ये ई-रिक्शा और टेंपों जाम के साथ ही हादसे का भी सबब बनते हैं।

ठेकेदार ही करता है पुलिस से सेटिंग

टैंपों संचालकों के अनुसार उन्हें व्यक्तिगत रूप से पुलिस से सेटिंग नहीं करनी पड़ती। ठेकेदार ही सभी टैंपों की सेटिंग करता है। उनकी सूची भी पुलिस वालों को देता है। इसके बदले में पुलिस निर्बाध रूप से उनका संचालन करवाती है।

सत्ता के संरक्षण में चल रहा धंधा

ये ठेकेदार सरकार बदलते ही अपना आका बदल लेते हैं। जिस जयवीर प्रधान की शिकायत मंगलवार को एसएसपी से की गई थी। वह पहले बसपा फिर सपा और अब भाजपा नेताओं के संरक्षण में है। सूत्रों की मानें तो प्रदेश सरकार के एक मंत्री का उसे संरक्षण प्राप्त है। जिसके बल पर वह खुलेआम उगाही करता है।

नगर निगम पार्किंग का ठेका छोड़ता है

अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार का कहना है कि नगर निगम शहर में सिर्फ पार्किंग का ठेका छोड़ता है। किसी टैंपों या ई रिक्शा स्टैंड का नहीं।

हमारा ठेके से मतलब नहीं

ट्रेफिक इंस्पेक्टर संतोष कुमार का कहना है कि उनका विभाग शहर में ट्रेफिक संचालन का काम देखता है। किसी ठेके से उनका कोई संबंध नहीं होता है।

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