Tuesday, June 17, 2025
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अमानगढ़ में पर्यटकों के लिए बनाई गई झोपड़ी


बिजनौर। अमानगढ़ में पर्यटक अब वन्य जीवों के दीदार करने के साथ-साथ देशी ठाठ का मजा भी ले सकेंगे। अमानगढ़ में घुसने से पहले ही केहरीपुर चौकी पर कैफेटेरिया बनकर तैयार हो चुका है। अगले सत्र से इसे शुरू करने की तैयारी भी चल रही है। ऐसे में इसे जहां वन गुर्जरों की हट की तर्ज पर तैयार किया गया, वहीं इसके अंदर गांव की संस्कृति की झलक भी देखने को मिलेगी।

अमानगढ़ ने बिजनौर जिले को पर्यटन के मानचित्र पर अलग पहचान देने का काम किया है। पिछले सत्र की बात करें तो 15 नवंबर 2022 से 15 जून 2023 तक अमानगढ़ में 3068 पर्यटन घूमने पहुंचे। इस बार यह संख्या इस आकंड़े को पार करने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। वहीं दूसरी ओर वन विभाग ने भी अगले सत्र में पर्यटकों को लुभाने की तैयारी तेज कर दी है। केहरीपुर वन चौकी पर देशी अंदाज में कैफेटेरिया तैयार कराया गया है। इस कैफेटेरिया को वन गुर्जरों के हट की तर्ज पर तैयार कराया गया है। अब इस कैफेटेरिया को अंदर से भी इको फ्रेंडली बनाने की तैयारी हो रही है। जैसे इसमें बेंत का फर्नीचर, खाट आदि भी उपलब्ध रहेंगे। वन अधिकारियों की माने तो अगले पर्यटन सत्र में इसे शुरू कर दिया जाएगा। अमानगढ़ वन क्षेत्राधिकारी खुशबू उपाध्याय ने बताया कि केहरीपुर चौकी पर काफी काम कराया गया है। पिछले साल तक जहां जलभराव रहता था, वहां तक फूलों के गमले रखे गए हैं। कैफेटेरिया भी तैयार हो चुका है।

सेल्फी प्वाइंट भी किया गया तैयार

केहरीपुर चौकी पर बुकिंग कार्यालय के बाहर पर्यटकों के स्वागत में बोर्ड लगाया गया है। पर्यटक इसके पास खड़े होकर सेल्फी ले रहे हैं। वहीं जंगल सफारी में जो जिप्सी लगाई गई है, वह आसपास के गांव के लोगों की लगाई गई है। वहीं केहरीपुर और आसपास के करीब 14 से ज्यादा लोग इन जिप्सियों पर ड्राइविंग कर रहे हैं। करीब 15 लोग गाइड का काम भी कर रहे हैं।

 

9500 हेक्टेयर में फैला है अमानगढ़ टाइगर रिजर्व

अमानगढ़ का रकबा 9500 हेक्टेयर में है। यहां 32 से ज्यादा बाघ, सौ से ज्यादा हाथी तो देखने को मिलते हैं। इनके अलावा गुलदार, चीतल आदि बड़ी संख्या में हैं।

अमानगढ़ के पास ही पीली बांध है, जहां पर सर्दियों में हजारों प्रवासी पक्षियों का बसेरा रहता है, जो खुद में एक बेहतरीन पर्यटक स्थल है। इसके अलावा भालू, गुलदार, पैंगोलिन, अजगर जैसे जीव भी दिखाई देते हैं। यहां पर चीतल, हिरण के दर्जनों की संख्या में झुंड दिखाई पड़ते हैं।

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