शारदा रिपोर्टर मेरठ। विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग को लेकर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन मेरठ के दर्जनों सदस्य एसपी ट्रैफिक राघवेंद्र मिश्रा से मिले। इस दौरान उन्होंने एक शिकायत पत्र सौंपते हुए बताया कि, टांसपोर्ट व्यवसाय पहले ही मंदी की मार झेल रहा है। डीजल व टोल की वृद्धि से व्यवसाय ज्यादा ही घाटे में हो गया है।
ट्रांसपोर्टरों ने आरोप लगाया कि ट्रैफिक के अधिकारी साथ ही खडे होमगार्ड और सिपाही 10 साल पुराने वाहनों को रोककर उनका उत्पीड़न कर रहे हैं। एनजीटी के आदेश की बात को लेकर डराकर एनसीआर क्षेत्र में आये दिन हम ट्रांसपोर्टरों का उत्पीडन हो रहा है, जबकि मेरठ जिले में काफी समय से ऐसे भी ट्रक चल रहे हैं, जिन पर इश्योरेन्स, फिटनेस परमिट कोई भी कागज नहीं है। उन वाहनों पर एफसीआई सरकारी माल की आवाजाही हो रही है।
ट्रांसपोर्टरों ने आरोप लगाया कि उन ट्रांसपोर्टरों का बड़े-बड़े अधिकारियों के साथ बैठकर फोटो खिचवाना और वो फोटो दिखाकर ट्रैफिक विभाग व आरटीओ विभाग को डराकर अपने ट्रकों को चलाना उनका कार्य है। ट्रांसपोर्टरों ने एसपी ट्रैफिक से पूछा कि जब इस तरह के ट्रांसपोर्टरों के ट्रक चल सकते हैं, तो दूसरों का उत्पीड़न क्यों हो रहा है। जबकि उनके पास सारे कागजात मौजूद होते हैं।
उन्होंने बताया कि, हमारे मेरठ जिले में ट्रेफिक विभाग में इस तरह की व्यवस्था बना दी गयी है। एक महीने का सुविधा शुल्क दो और अपना वाहन पूरे शहर में बिना कागजों के लेकर घूमे (जिसे कहते हैं एन्ट्री पास) तत्काल इसकी जाँच करायी जाये। ऐसे लोगों पर कार्यवाही की जाये। लोकल ट्रांसपोर्टरों को परेशान न किया जाये। ट्रांसपोर्टर रसूखदार हैं, उनके खिलाफ कार्यवाही करके ट्रक जब्त किये जायें। चेतावनी दी कि यदि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।