Home Meerut बिजनौर सीट: गंगा के दोनों किनारे, सबके बने सहारे

बिजनौर सीट: गंगा के दोनों किनारे, सबके बने सहारे

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– बिजनौर लोकसभा सीट पर निर्दलीय से लेकर सभी राजनीतिक दलों को मिला प्रतिनिधित्व।


अनुज मित्तल (समाचार संपादक)

मेरठ। पवित्र गंगा नदी के दोनों किनारों से जुड़ी बिजनौर लोकसभा सीट ने कभी किसी को निराश नहीं किया। इस सीट ने निर्दलीय से लेकर जहां सभी राजनीतिक दलों को प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया तो इस सीट पर निर्विरोध निर्वाचन का भी इतिहास लिखा गया।

बिजनौर जनपद पश्चिमी उत्तर का सबसे ज्यादा जनपद है। 2009 से पहले तक इस लोकसभा में मेरठ की कोई विधानसभा नहीं आती थी। बिजनौर लोकसभा में बिजनौर और मुजफ्फरनगर जनपद की ही सीट आती थी। लेकिन 2009 में हुए नये परिसीमन के बाद मेरठ की हस्तिनापुर सीट को भी बिजनौर लोकसभा में जोड़ दिया गया। एक तरह से देखा जाए तो महाभारत काल का पूरा इतिहास इस सीट में सिमट गया। गंगा नदी एक तरफ महात्मा विदुर की कुटिया और दूसरी तरफ हस्तिनापुर और बीच में शुकताल मुनि का आश्रम।

महाभारत काल के इतिहास को अपने समेटे बिजनौर लोकसभा सीट का का इतिहास भी बहुत चौंकाने वाला रहा है। यहां से कांग्रेस ने रिकार्ड सात बार जीत दर्ज की है। जबकि भाजपा को भी यहां पर चार बार जीत हासिल हुई है। इसके अलावा दो बार बसपा, जनता पार्टी और रालोद को जीत हासिल हुई तो एक बार सपा भी यहां से जीत चुकी है। अहम बात ये है कि प्रकाशवीर शास्त्री यहां से निर्दलीय जीत हासिल करने वाले अकेले सांसद रहे हैं। तो कांग्रेस के रामदयाल तो निर्विरोध ही निर्वाचित हो गए थे।

मीराकुमार से लेकर मायावती तक रही हैं सांसद

बिजनौर सीट पर चर्चित चेहरे भी चुनाव लड़े हैं। कुछ जीते तो कुछ हारे हैं। इनमें कांग्रेस की मीरा कुमार और बसपा सुप्रीमों जहां यहां से सांसद रह चुकी हैं, तो फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा यहां से चुनाव हार चुकी हैं।

गठबंधन के आंकड़े भाजपा के पक्ष में

बिजनौर सीट के तहत पांच विधानसभा आती हैं। इसमें मुजफ्फरनगर जनपद की पुरकाजी और मीरापुर से रालोद के विधायक हैं, जबकि बिजनौर सदर और मेरठ की हस्तिनापुर से भाजपा के विधायक हैं। सिर्फ बिजनौर की चांदपुर सीट पर ही सपा के स्वामी ओमवेश का कब्जा है। अहम बात ये है कि इस लोकसभा में दो सुरक्षित विधानसभाएं पुरकाजी और हस्तिनापुर शामिल हैं। जो शायद ही किसी लोकसभा सीट में हों।

लोकसभा के सदस्य

वर्ष        निर्वाचित सांसद          दल
1952   स्वामी रामानंद शास्त्री     कांग्रेस
1957    अब्दुल लतीफ गांधी      कांग्रेस
1962     प्रकाश वीर शास्त्री       स्वतंत्र
1967    स्वामी रामानंद शास्त्री    कांग्रेस
1971    स्वामी रामानंद शास्त्री    कांग्रेस
1974    राम दयाल (निर्विरोध)   कांग्रेस
1977      माही लाल              जनता पार्टी
1980    मंगल राम प्रेमी           जनता पार्टी (सेक्युलर)
1984   चौधरी गिरधारी लाल      कांग्रेस
1985    मीरा कुमार               कांग्रेस
1989    मायावती                   बहुजन समाज पार्टी
1991   मंगल राम प्रेमी             भारतीय जनता पार्टी
1996   मंगल राम प्रेमी             भारतीय जनता पार्टी
1998   ओमवती देवी               समाजवादी पार्टी
1999   शीश राम सिंह रवि         भारतीय जनता पार्टी
2004    मुंशीराम सिंह             राष्ट्रीय लोक दल
2009   संजय सिंह चौहान         राष्ट्रीय लोक दल
2014   भारतेन्द्र सिंह             भारतीय जनता पार्टी
2019    मलूक नागर             बहुजन समाज पार्टी

विधानसभा जिला विधायक दल

पुरकाजी (एससी) मुजफ्फरनगर अनिल कुमार रालोद
मीरापुर चंदन चौहान रालोद
बिजनौर बिजनौर सुचि मौसम चौधरी बीजेपी
चांदपुर स्वामी ओमवेश सपा
हस्तिनापुर (एससी) मेरठ दिनेश खटीक बीजेपी

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