शारदा रिपोर्टर मेरठ। देश में अभी अनुसूचित जाति (एससी) को 15 फीसदी और अनुसूचित जनजाति (एसटी) को 7.5 फीसदी आरक्षण मिलता है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब एससी और एसटी की जातियों के इसी 22.5 फीसदी के आरक्षण में ही राज्य सरकारें एससी और एसटी के कमजोर वर्गों का अलग से कोटा तय कर सकेंगी।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद महादलित परिसंघ के दर्जनों सदस्य शुक्रवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे। इस दौरान महादलित परिसंघ की जिलाध्यक्ष जयोति अमित बाल्मीकि ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा एक अगस्त को अनुसूचित जाति के आरक्षण के वगीर्कृत किये जाने तथा क्रीमीलेयर को अनुसूचित जाति के आरक्षण से पृथक किये जाने वाले जो आदेश पारित किये है, वह आदेश देश के करोड़ो शोषित, वंचित, स्वच्छकार और उपजातियों के साथ सामाजिक न्याय है। जिसके लिए वह सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद अदा करते हैं।