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बेटी ने आधा लीवर देकर बचाई अपने पिता की जान

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बेटी ने आधा लीवर देकर बचाई अपने पिता की जान


शारदा न्यूज़, संवाददाता. मेरठ।


आजकल देखा जाता हैं कि हमारे समाज में बेटों को अहमियत दी जाती है और जिसके यहां बेटी हो जाती है उसको समाज ताने देता है लेकिन आपको बता दें कि मेरठ की रहने वाली एक 19 साल की बेटी ने अपने बीमार पिता को अपना आधा लीवर डोनेट कर जान बचाई और एक ऐसी मिसाल पेश की जिससे उसके पिता बेटी होने पर गर्व महसूस करें।

दरअसल आपको बता दें मेरठ के कंकरखेड़ा क्षेत्र के सरधना रोड पर सैनिक कॉलोनी के रहने वाले जितेंद्र (43) का लगभग एक महीना पहले एक्सीडेंट हो गया और हादसे में गंभीर रूप से घायल हो गए। उनको पहले से भी लीवर की थोड़ी सी परेशानी थी लेकिन सड़क हादसे में उनका लिवर डैमेज हो गया। जिस कारण उनकी हालत दिन-ब-दिन खराब होती चली जा रही थी।

वहीं डॉक्टरों ने उन्हें लीवर ट्रांसफर की सलाह दी और काफी प्रयास के बाद उनको लीवर नहीं मिल पाया जिसके बाद उनकी 19 वर्षीय बेटी आरती ने अपना लीवर अपने पिता को डोनेट करने का फैसला किया जिसके बाद कुछ दिन पहले नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल में पिता जितेंद्र का लिवर ट्रांसप्लांट किया गया और जितेंद्र को उनकी 19 वर्ष से बेटी आरती का आधा लीवर लगाया गया पिता और बेटी दोनों ही स्वास्थ है।

जानकारी के अनुसार, जितेंद्र के 4 बच्चे हैं जिसमें तीन बेटियां हैं और एक बेटा है दो बेटियों की शादी हो चुकी है और एक बेटा छोटा है उनके 19 वर्षीय बेटी आरती तीन बेटियों में सबसे छोटी है और उसने इसी वर्ष इंटर की परीक्षा पास की है और अब बीएससी के लिए तैयारी कर रही है।

वही जितेंद्र के परिजन बताते हैं कि वह 510 वर्कशॉप में टेक्निकल विभाग में है। लगभग एक महीना पूर्व बाइक से शाम के समय वापस घर लौट रहे थे। इसी बीच एक सड़क हादसे में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। परिजनों ने घायल अवस्था में जितेंद्र को अस्पताल में भर्ती कराया था।

जहां चिकित्सकों ने बताया कि इनका लीवर चोट लगने की वजह से डैमेज हो गया है। काफी इलाज के बाद भी उनकी हालत ठीक नहीं हो रही थी जिसके बाद उनको फोर्टिस के लिए रेफर किया गया। जिसके बाद उनको डॉक्टर ने लिवर ट्रांसप्लांट की सलाह दी और काफी प्रयास के बाद जब लीवर की व्यवस्था नहीं हुई तो उनकी बेटी ने उनको अपना आधा लिवर डोनेट करने का फैसला लिया।। 11 जुलाई को जितेंद्र की सर्जरी हुई और उसको बेटी आरती का आधा लीवर लगाया गया 24 जुलाई को जितेंद्र की छुट्टी कर दी गई और दोनों पिता पुत्री स्वस्थ हैं।

बता दें जितेंद्र की बेटी आरती ने इसी वर्ष 12वीं की परीक्षा पास की है और वह अब बीएससी में एडमिशन का प्रयास कर रही है। अपनी बेटी के फैसले से पिता गर्व महसूस करते हैं वह कहते हैं कि उनको पता नहीं था कि उनकी बेटी ने उनको लिवर डोनेट किया है और जब पता चला तो अपनी बेटी पर गर्व महसूस कर रहे हैं

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