नोएडा। आरबीआई के पूर्व अधिकारी और उनकी पत्नी को साइबर ठगों ने 15 दिन तक डिजिटल अरेस्ट रखा। बुजुर्ग दंपती को मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर 3 करोड़ रुपए ठग लिए। ठगों ने रिटायर्ड अधिकारी को ऑनलाइन फर्जी सीजेआई के सामने पेश किया। सीजेआई ने खाता सीज करने के आदेश दे दिए। तीन मार्च को ठगों ने सुप्रीम कोर्ट का एक आदेश भेजा, जिसमें कहा गया था कि सभी फंड वैध हैं। 6 से 7 दिनों के भीतर मेरे पैसे वापस आ जाएंगे। रुपए वापस नहीं आने पर पीड़ित ने 19 मार्च को साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने इस मामले में कथित विजय खन्ना, राहुल गुप्ता , विनय कुमार और आकाश कुलहरी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
पीड़ित बिराज कुमार सरकार ने बताया कि मैंने अपने करियर की शुरूआत आरबीआई से की। इसके बाद 31 साल तक दूसरे बैंक को भी सेवाएं दीं। मैं कैसे डिजिटल अरेस्ट हो गया। मुझे विश्वास नहीं हो रहा।
नोएडा के सेक्टर-75 की गार्डेनिया गेटवे सोसाइटी में बिराज कुमार सरकार (78) अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। उन्होंने रिपोर्ट में बताया- 25 फरवरी 2025 को मेरे पास अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने अपने को ट्राई का अधिकारी बताया। उसने एक नंबर बताया और कहा कि ये आपका नंबर है। मैने मना किया और कहा कि शायद मेरा पुराना नंबर है। कारण पूछते ही बताया कि ये नंबर ट्राई में बिराज कुमार सरकार के नाम से रजिस्टर्ड है।
मुंबई के कोलाबा थाने में शिकायत, सीबीआई को केस ट्रांसफर: कॉल करने वाले ने कहा कि आपके खिलाफ कोलाबा मुंबई में शिकायत दर्ज है। इसके बाद उन्होंने मुझे कोलाबा पुलिस स्टेशन से जोड़ दिया। वहां कोलाबा पुलिस स्टेशन से कथित आईपीएस विजय खन्ना ने उनसे बातचीत की। इसके बाद केस को सीबीआई में ट्रांसफर किया गया। वहां राहुल गुप्ता ने सीबीआई अधिकारी बनकर मुझसे बातचीत की और कहा कि नरेश गोयल को आप जानते है। आपके नंबर का प्रयोग मनी लॉन्ड्रिंग और निवेश में धोखाधड़ी करने के लिए किया है। उन्होंने मुझे कोलाबा पुलिस स्टेशन बुलाया।
26 फरवरी को मुख्य न्यायाधीश के सामने पेशी
पीड़ित बिराज कुमार सरकार ने अपनी बीमारी और ऐज फैक्टर का हवाला दिया। कॉल करने वालों ने कहा कि आप ऑनलाइन मामले को हैंडल कर सकते है। इसके लिए 26 फरवरी को भारत के मुख्य न्यायाधीश के सामने ऑनलाइन पेश किया जाएगा। ऐसा ही हुआ 26 फरवरी को उन लोगों ने स्काइप कॉल पर लिया और मुख्य न्यायाधीश के सामने पेश किया। उन्होंने मेरे सभी अकाउंट, एफडी को फ्रीज करने और पैसों को एसएसए (सीक्रेट सुपर विजन अकाउंट) में डालने का आदेश दिया।
मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा
पीड़ित बिराज ने बताया- कॉल करने वाले विजय खन्ना और राहुल गुप्ता ने मुझे धमकी दी ये सारी बात सीक्रेट रखें। किसी से शेयर न करें। क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है। अगर ऐसा करते हैं और हमें जानकारी मिलती है तो तत्काल आपकी गिरफ्तारी होगी। यही नहीं आपकी जान को भी खतरा है। इसलिए जैसा हम कहते है वैसा करते जाए। इसके बाद उनके बताए गए खातों में पैसा ट्रांसफर करता चला गया। इन 15 दिनों में करीब 3.14 करोड़ रुपए उनके बताए गए खातों में ट्रांसफर किए। डीसीपी साइबर सुरक्षा प्रीति यादव ने बताया कि बुजुर्ग की शिकायत पर तुरंत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है, जिस खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया है। उसकी डिटेल निकाली जा रही है।