नगर निगम में अब जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में फर्जीवाड़ा नहीं हो पाएगा।
शारदा रिपोर्टर मेरठ। नगर निगम में अब जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने में फजीर्वाड़ा नहीं हो पाएगा। जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र पोर्टल को लेकर दिल्ली में हुई मीटिंग के बाद पोर्टल में काफी बदलाव किया गया है।
नगर निगम से जारी होने वाले प्रमाण पत्र में अब जारीकर्ता रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर दिखाई नहीं देंगे। नगर निगम से जारी होने वाले जन्म मृत्यु प्रमाण पत्रों को लेकर आवेदक को नगर निगम के पोर्टल से सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही प्रमाण पत्र जारी हो सकेगा।
इस संबंध में नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा गजेंद्र सिंह ने बताया कि पोर्टल में जो बदलाव हुआ है उसमें आवेदक को जारी होने वाले प्रमाण पत्र में जारी करते रजिस्ट्रार के हस्ताक्षर दिखाई नहीं देगे। पहले लोग हस्ताक्षर को कापी पेस्ट कर प्रमाण पत्र जारी कर देते थे, अब ऐसा नहीं होगा। आवेदक का प्रमाण पत्र जारी किया तो उससे पहले रजिस्ट्रार जिसके नाम लोगिन पासवर्ड है, उसके पास ओटीपी जाएगा। वहां से वैरिफिकेशन के बाद ही प्रमाण पत्र जारी हो सकेगा।
पैसा मांगने वालों पर होगी कार्रवाई
मेरठ नगर निगम में परिसर में अगर कोई मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर पैसा मांगता है, तो उस पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। यह कहना है नगर निगम अधिकारियों का।
स्वास्थ्य अधिकारी गजेंद्र सिंह का कहना है कि जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र में पैसे मांगने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। जिसके लिए जल्द ही एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। यह नंबर इसलिए भी जारी किये जाएंगे क्योंकि, बड़ी संख्या में रोजाना काफी लोग जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए नगर निगम पहुंचते हैं। लेकिन अधिकांश लोग दलालों के चक्कर में पड़ जाते हैं और पैसे देकर उन्हें जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाना पड़ता है। लेकिन कई बार जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र बनाने वाले कर्मचारियों पर पैसे लेने के आरोप लग चुके हैं।
जन्म -मृत्यु कार्यालय पहुंचने से पहले निगम परिसर में कुछ लोग फार्म भरवाने के नाम पर तो कुछ जल्द प्रमाण पत्र बनवाने के नाम पर व्यवस्था से अनभिज्ञ लोगों ने अवैध वसूली कर लेते हैं। ऐसी कुछ शिकायतें नगर आयुक्त तक पहुंच रही थी।
जिसका संज्ञान लेते हुए नगर आयुक्त ने नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. गजेंद्र सिंह को हेल्पलाइन नंबर जारी का करने का निर्देश दिया गया है। यह भी स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि व्यवस्था पूरी तरह पारदर्शी रहेगी। जल्द से जल्द प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। शिकायत मिलने पर जवाबदेही तय की जाएगी