Mohan Bhagwat: लोकसभा चुनाव के बाद आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का एक बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा ‘एक साल से मणिपुर शांति की राह देख रहा है। इससे पहले 10 साल शांत रहा। पुराना गन कल्चर समाप्त हो गया, ऐसा लगा और अचानक जो कलह वहां पर उपजा या उपजाया गया।
उन्होंने आगे कहा उसकी आग में अभी तक जल रहा है, त्राहि-त्राहि कर रहा है। इस पर कौन ध्यान देगा? प्राथमिकता देकर उसका विचार करना यह कर्तव्य है..”
सरसंघचालक ने कहा कि समाज परिवर्तन से व्यवस्था परिवर्तन होता है। पूरी दुनिया में समाज में परिवर्तन आया है जिसके परिणामस्वरूप व्यवस्थागत परिवर्तन हुआ है। मोहन भागवत ने कहा कि मणिपुर एक वर्ष से शांति की राह देख रहा है। प्राथमिकता से इस पर विचार करना होगा।
मोदी सरकार 3.0 का शपथ ग्रहण समारोह रविवार शाम को हुआ। लगभग 24 घंटे बाद मंत्रालय का बंटवारा भी हो गया। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक (RSS) मोहन भागवत का बयान आया है। मोहन भागवत ने कहा है कि जनता ने जनादेश दिया है, सब कुछ उसी के अनुसार होगा। क्यों? कैसे? संघ इसमें शामिल नहीं है। उन्होंने कहा, मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है। प्राथमिकता से इस पर विचार करना होगा।
सरसंघचालक ने कहा कि समाज परिवर्तन से व्यवस्था परिवर्तन होता है। पूरी दुनिया में समाज में परिवर्तन आया है जिसके परिणामस्वरूप व्यवस्थागत परिवर्तन हुआ है। यही लोकतंत्र का सार है। उन्होंने कहा कि इस बार भी हमने अपना लोकमत जागरण का कार्य किया है। वास्तविक सेवक मर्यादा का पालन करते हुए चलता है। अपने कर्तव्य को पूरा करना आवश्यक है।