- ब्लैक मंडे के कहर के बाद सेंसेक्स में करीब 1200 अंक की उछाल,
Asian Stock Market: ऑस्ट्रेलिया से लेकर एशियाई बाजार तक में सुधार के संकेत मिले। जापान का ikkei इंडेक्स में करीब 6% की उछाल आयी। जो करीब डेढ़ साल की बड़ी गिरावट के बाद सुधार है। ट्रंप के टैरिफ के चलते एक दिन पहले ग्लोबल बाजार में करीब 9 महीने की सबसे बड़ी गिरावट, मंदी का ख़तरा और ट्रेड वॉर के चलते महंगाई की आशंका के बीच 8 अप्रैल को बाजार रिकवरी मोड में दिखा।
सेंसेक्स में करीब 1200 अंकों की बढ़त देखी गई। जबकि, निफ्टी करीब 1.5% की उछाल के साथ शुरुआती कारोबार में 22,500 के पार चला गया। सभी क्षेत्र में सुधार के संकेत दिखे। ऐसे में जानकारों का ये मानना है कि जिस तरह से बाजार में कोहराम वो अब शांत हो चुका है और ट्रंप की तरफ से रिफ पर उनके कड़े रुख पर वे पुनर्विचार कर सकते हैं।
ऑस्ट्रेलिया से लेकर एशियाई बाजार तक में सुधार के संकेत मिले। जापान का ikkei इंडेक्स में करीब 6% की उछाल आयी। जो करीब डेढ़ साल की बड़ी गिरावट के बाद सुधार है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा एक फोन कॉल के दौरान खुले व्यापार वार्ता पर सहमत हो गए। इसके बाद चीन के ब्लू चिप्स के शेयर में 0.7%, दक्षिण कोरिया के Kospi में 1.7% और हांगकांग के Heng Seng इंडेक्स में 2.25% की बढ़ोतरी आयी।
इंडोनेशिया के Jakarta Composite में 9% गिरावट दिखी तो वहीं वियतनाम बेंचमार्क इंडेक्स 5% नीचे चला गया। थाइलैंड का SET करीब 4 प्रतिशत गिर गया, जो 2020 के मार्च के बाद सबसे बड़ी गिरावट थी। ऑस्ट्रेलिया का S&P 0.1% की बढ़त के साथ खुला।
भारतीय बाजार में रिकवरी एक दिन की बड़ी गिरावट के बाद हुई है जब पिछले पांच साल के दौरान सबसे बुरा दिन देखने को मिला था, 30 शेयर वाला BSE सेंसेक्स करीब 2.95% यानी 2276.79 अंक गिरकर सोमवार को 73137.90 पर पहुंच गया था। जबकि बेंचमार्क इंडेक्स 3939.68 प्वाइंट्स यानी 5.22% खिसककर 71,425.01 पर पहुंच गया।
स्थानीय शेयर बाजार में भारी गिरावट आने से निवेशकों के 14 लाख करोड़ रुपये डूब गए। बीएसई पर छोटी कंपनियों का स्मॉलकैप सूचकांक भी 4.13 प्रतिशत के नुकसान में रहा, जबकि मिडकैप में 3.46 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस चौतरफा गिरावट का असर यह हुआ कि बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण एक ही कारोबारी सत्र में 14,09,225.71 करोड़ रुपये घटकर 3,89,25,660.75 करोड़ रुपये (4.54 लाख करोड़ डॉलर) रह गया।
हालांकि, कारोबार के अंतिम घंटे में निचले स्तर पर खरीदारी आने से निवेशकों के नुकसान में कमी आई। दोपहर के कारोबार में निवेशकों का नुकसान 20.16 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। बीएसई पर सूचीबद्ध 3,515 शेयरों में गिरावट आई, जबकि 570 शेयरों में तेजी आई और 140 शेयरों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ।