शारदा रिपोर्टर मेरठ। सीनियर फिजियोथैरैपिस्ट डॉ. मोहित शर्मा ने बताया कि फिजियोथेरैपी ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है। डॉ. शर्मा बताया कि बच्ची आदिया के माता-पिता मेरे पास आए और बताया कि बच्ची आदिया जन्म से ही वेन्टिलेटर पर रही थी, बड़ी मुश्किल से डाक्टरों ने उसकी जान बचाई थी।
डाक्टरों ने कहा था यह चलने में असमर्थ रहेगी और वे बहुत निराश हो गए थे। लेजर की मदद से आदिया की नसों का फाइबर खोला गया, जिससे आदिया के दिमाग की नसों में सूजन कम हो गई और दिमाग में आक्सीजन पहुंचने लगी। जिसकी वजह से उसके पैरों की नसे खुल गई और वह पैरों से चलने लगी।