– जेल में पेशी पर साहिल को छूने और बात करने के लिए आगे बढ़ी मुस्कान।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। जेल में बुधवार को वर्चुअल पेशी के दौरान एक कमरे में साहिल और मुस्कान इकट्ठा हुए थे। इस दौरान जैसे ही पेशी समाप्त हुई तो मुस्कान अपनी जगह से उठकर साहिल की तरफ बढ़ी, लेकिन तभी वार्डन ने उसे खींच लिया। जिस पर मुस्कान गुस्से में बोली कि हमने शादी की है, बात तो करने दीजिए। लेकिन जेल वार्डन ने उसकी एक नहीं सुनी और उसे उसकी बैरक में ले गई।
जेल में अलग-अलग बैरक में 14 दिन से बंद साहिल और मुस्कान का आखिरकार आमना-सामना हो गया। 2 अप्रैल को वर्चुअल पेशी के लिए उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में लाया गया था। दोनों की वकील रेखा जैन कोर्ट रूम में केस की डिटेल रखने के लिए तैयार थीं। जज ने साहिल और मुस्कान के नाम पूछे। केस की डिटेलिंग कोर्ट के पटल पर रखी जाती, इससे पहले ही जज ने 15 अप्रैल की डेट दे दी।
एक अप्रैल, 2025 को साहिल और मुस्कान की न्यायिक हिरासत के 14 दिन पूरे हो गए। पुलिस ने कस्टडी रिमांड की अर्जी नहीं लगाई। ऐसे में न्यायिक हिरासत बढ़ाने के लिए दोनों को कोर्ट में पेश किया जाना था।
जेल प्रशासन की तरफ से सिक्योरिटी रीजन का हवाला देते हुए आॅनलाइन पेशी कराने के लिए कहा गया। 2 अप्रैल की सुबह 11.30 बजे कोर्ट पेशी के लिए मुस्कान को महिला बैरक और साहिल को पुरुष बैरक से बाहर लाया गया। दोनों की बैरक अलग-अलग हैं, इसलिए दोनों का आमना-सामना नहीं हुआ। महिला और पुरुष वार्डन उन्हें लेकर पैदल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम तक लेकर पहुंचे। इस कमरे में पहले से वरिष्ठ जेल अधीक्षक, जेलर, जेल सिक्योरिटी के जवान मौजूद थे।
करीब 12 बजे पुरुष और महिला वार्डन साहिल और मुस्कान को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम में लेकर पहुंचे। यह पहला मौका था, जब दोनों आमने-सामने आए। मुस्कान ने जैसे ही साहिल को देखा, वह इमोशनल होने लगी। महिला वार्डन ने उसे रोका। साहिल ने भी मुस्कान से बात करने का प्रयास किया।
जज ने नाम पूछे, फिर तारीख लगा दी: पेशी का समय हो गया था। दोनों को कैमरे के सामने लाया गया। जज ने पहले दोनों से उनके नाम पूछे। दोनों ने माइक पर अपने नाम बताए। कोर्ट में रेखा जैन भी मौजूद थीं। जज ने दोनों की तरफ देखा और फिर कहा, ’15 अप्रैल को दोबारा पेशी होगी।’ मतलब, साहिल और मुस्कान को अगले 13 दिन जेल में ही रहना होगा। जज के इतना कहने के साथ ही मुस्कान और साहिल को कैमरे के सामने से हटा लिया गया। महिला पुलिस मुस्कान को, जबकि पुरुष पुलिस साहिल को पकड़कर वापस बैरक में लेकर जाने लगे।
नशे की लत की वजह से 15 दिन इलाज और चलेगा: साहिल और मुस्कान, दोनों नशा करते थे। जेल जाने के बाद वह नशा करने के लिए काफी परेशान दिखे थे। साथी बंदियों से भी वह इस बारे में पूछ रहे थे। ऐसे में जेल के अंदर दोनों की अलग-अलग काउंसिलिंग करवाई गई थी। उन्हें कुछ दवाएं भी दी जा रही हैं। इसके बाद काफी हद तक सुधार आया। जेल प्रशासन के मुताबिक, करीब 15 दिन तक दोनों का इलाज जारी रखा जाएगा। जेल अधीक्षक के मुताबिक, कई बंदियों को एक से दो साल भी लग जाते हैं।
सौरभ की मां ने कहा अलग-अलग जेल में भेजें दोनों को: इधर, सौरभ की मां रेनू ने मांग की है कि साहिल और मुस्कान को एक ही जेल की महिला और पुरुष बैरकों में अलग-अलग रखा गया है, जबकि उन्हें अलग-अलग जेल में ट्रांसफर करना चाहिए। उन्होंने कहा- हम अपने वकील के जरिए इसकी डिमांड करेंगे, ताकि मेरे बेटे को मारने वाले कभी आपस में मिल न सकें।
दोनों ने हाथ पकड़ने का प्रयास किया, जवानों ने पीछे खींचा
इस दौरान दोनों ने एक बार फिर एक-दूसरे का हाथ पकड़ने का प्रयास किया। वो बात करना चाहते थे। मगर जवान उनको पकड़कर उनकी बैरकों के पास लेकर जाने लगे। मुस्कान ने महिला पुलिस से कहा कि मुझे साहिल से बात करनी है, सिर्फ 2 मिनट के लिए। वह कह रही थी कि हम पति-पत्नी हैं, हमने शादी की है। हम बात तो कर ही सकते हैं। जेल पुलिस ने दोनों को समझाया कि कोर्ट की अनुमति के बिना मुलाकात नहीं हो सकती है। ऐसा कानून नहीं है। इसके बाद उन्हें उनकी बैरकों की तरफ ले जाया गया।
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