– ड्रम खरीदने के लिए खुद से बनाया नियम।
शारदा रिपोर्टर
मेरठ। घरों में दूध, पानी और अनाज आदि स्टोर करने के लिए प्रयोग होने वाला नीला ड्रम खरीदना अब लोगों के लिए आसान नहीं है। इसके लिए खरीदार को आधार कार्ड तक देना पड़ा रहा है।
दरअसल, मेरठ में सौरभ हत्याकांड में इस्तेमाल हुआ नीला ड्रम व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इतना ही नहीं, व्यापारी ड्रम खरीदने वाले ग्राहकों से उनका अता-पता तक पूछने लगे हैैं। वहीं कुछ डीलर्स खरीददारों से आधार कार्ड तक मांग रहे हैैं।
सौरभ हत्याकांड का खुलासा होने के बाद से हालात इतने बदल गए हैं कि अब नीला ड्रम बेचने वाले विक्रेता इसे बेचते हुए डर रहे हैं। उन्हें डर है कि अगर उन्होंने किसी संदिग्ध को ड्रम बेचा, तो वे भी पुलिस की जांच में फंस सकते हैं। वहीं इस केस के खुलासे के बाद पुलिस न केवल ड्रम बेचने वालों बल्कि खरीदने वाले लोगों से भी पुलिस पूछताछ कर रही है। सुरक्षा की दृष्टि से दुकानदार रिकॉर्ड मेंटेन करने की बात कह रहे हैं।
90 प्रतिशत तक गिरी सेल: शहर में जली कोठी, कबाड़ी बाजार, हापुड़ अड्डे समेत कई जगहों पर नीले ड्रम का मार्केट है। यहां 100 रुपये से लेकर 1500 रुपये तक की रेंज में ड्रम मिलते हैं।
लेकिन सौरभ हत्याकांड के बाद इनकी बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है। दुकानदारों का कहना है कि बीते दस दिनों से सेल बहुत कम हो गई है। सुबह से शाम तक बोहनी भी नहीं हो पा रही। पहले जहां रोजाना 10-12 ड्रम बिकते थे, अब मुश्किल से दो से तीन ग्राहक ही आ रहे हैं। नीले ड्रम की बिक्री 90 प्रतिशत तक गिर गई है। अब व्यापारियों को स्टॉक निकालने में भी दिक्कत हो रही है।