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Friday, November 21, 2025
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Homeउत्तर प्रदेशLucknowसीएम योगी बोले- न्याय सुरक्षा व उन्नत भविष्य का आधार बने

सीएम योगी बोले- न्याय सुरक्षा व उन्नत भविष्य का आधार बने

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लखनऊ। शुक्रवार को विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 26वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हिस्सा लिया। सीएम ने कहा कि आज जब दुनियाभर के न्यायविद एक जगह एकत्र हुए हैं, तो न्याय मानवता की समस्या के समाधान का रास्ता कैसे निकाल सकता है, इस कांफ्रेंस के माध्यम से दुनियाभर में यह संदेश देने की आवश्यकता है। न्याय न केवल समता का बल्कि प्रत्येक नागरिक की सुरक्षा, स्वावलंबन और उनके उन्नत भविष्य का आधार बनना चाहिए।

 

 

इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत हजारों वर्षों से दुनिया को एक परिवार मानता रहा है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि दुनिया की वास्तविक समस्या एक-दूसरे के साथ डायलॉग को बाधित करना है। यह सम्मेलन एक-दूसरे के साथ डायलॉग का साधन है। कुछ समय पहले यूएन ने दुनिया के सामने 16 गोल रखे थे। उसमें शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि शिक्षा में इस बात का ध्यान रखना होगा कि बच्चे बस्ते के बोझ से बोझिल न हों। दुनिया में जहां अशांति और अराजकता है। जहां वर्चस्व को लेकर एक-दूसरे की संप्रभुता को हड़पने की होड़ हो, वहां पर शिक्षा, विकास, स्वास्थ्य की बात अपने आप में एक बेमानी सी दिखती है। इसके लेकर हम सभी को यह सोचना चाहिए कि किस स्तर तक की व्यवस्था किए जाने की आवश्यकता है। हम भी उसमें सहभागी बन सकते हैं।

सीएम ने आगे कहा कि हम अक्सर इस बात को देखते हैं कि जलवायु परिवर्तन और उससे उत्पन्न होने वाले संकट भी हमारे सामने एक नई चुनौती हैं। साइबर क्राइम, डाटा चोरी जैसी समस्या भी हमारे सामने खड़ी है। ऐसी स्थिति में न्याय, नैतिकता और अतंरराष्ट्रीय कानून, विश्व शांति और मानव सभ्यता के लिए एक बड़ी लकीर खींचने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि यूएन ने 80 वर्ष पहले कहा था कि दुनिया को अधिक न्यायपूर्ण, समावेशी और जवाबदेह वैश्विक प्रणाली की आवश्यकता है। इस पर आज सोचने की जरूरत है। साइबर क्राइम, अच्छे स्वास्थ्य और वैश्विक आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भी मुखर होकर यूएन जैसे प्लेटफार्म का उपयोग करना चाहिए। इसके लिए भारत की उस प्राचीन व्यवस्था पर जरूर ध्यान देना चाहिए, जिस पर हमने पांच अवयव पृथ्वी, जल, आकाश, अग्नि, वायु की उपासना का आधार मान करके इनकी सुरक्षा, सरंक्षण को सदैव प्राथमिकता दी।

 

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