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Thursday, December 25, 2025
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Homeउत्तर प्रदेशMeerutहादसों का कारण बन रहे मेरठ शहर के खुले हुए नाले

हादसों का कारण बन रहे मेरठ शहर के खुले हुए नाले

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  • अधर में लटकी हुई है तीन सालों से नालों को कवर्ड करने की योजना।

शारदा रिपोर्टर मेरठ। ये शहर में नाले हैं जो रोजाना इम्तिहान लेते हैं। यही नहीं, कभी-कभी तो जान भी लेते हैं। हालत यह है कि, शहर के खुले नाले तो लोगों की जान के दुश्मन बने हैं। खुले नाले और उनसे निकली सिल्ट हादसों का सबब बनी है। इन नालों को कवर्ड करने की योजना अभी तक अधर में है, लिहाजा बीते 5 साल में नाले में डूबने से करीब 35 लोगों की डेथ हो चुकी है। लेकिन, ताज्जुब की बात यह है कि, सबकुछ जानते हुए भी नगर निगम अधिकारी आंखें बंद कर बैठे हैं। जिसके चलते शहरवासियों में नगर निगम अधिकारियों के खिलाफ गुस्सा और नाराजगी दोनों ही बढ़ती जा रही है।
शहर के अधिकांश नालों की बाउंड्री वॉल टूटी हुई है। हालांकि वैसे तो शहर में 257 छोटे-बड़े नाले हैं। अब इन नालों को कवर्ड नहीं किया गया है। कई नालों की बाउंड्री टूटी है। जरा सी बारिश होते ही नालों का पानी आसपास के मोहल्लों में भर जाता है। यही नहीं, नाले कवर्ड न होने से अक्सर लोग नालों में भी गिर जाते हैं।

हादसों से बचाव के लिए नगर निगम हर साल नालों को कवर करने, फेसिंग करने और बाउंड्री वॉल बनाने की डीपीआर बनाकर शासन को भेजता है, लेकिन आज तक डीपीआर फाइनल नहीं हो सकी है। आखिरकार नाले खुले के खुले ही रह जाते हैं। नालों की इस गंभीर समस्या पर ना तो अधिकारी गंभीर है और न ही महापौर।

गंदगी और सिल्ट का अंबार: दरअसल, शहर के रिहायशी इलाकों में बने रोड साइड छोटे नाले और बड़े नालों की बाउंड्री या कवर ना होने के कारण लगातार हादसे बढ़ते जा रहे हैं। इतना ही नहीं, बरसात में कई इलाकों में नाले का पानी ओवरफ्लो होकर गलियों में घरों तक में बन जाता है। ऐसे में निगम ने शहर में घनी आबादी के बीच से गुजर रहे छोटे-बड़े 257 नालों में हर साल हादसों में लोग जान गंवा देते हैं। कई सालों से निगम इन नालों को कवर करने की योजना बना रहा है लेकिन कवर नही हो पा रहे हैं। ऐसे में हादसों के कारण लोग अपनी जान गंवा रहे हैं।

नालों की बाउंड्री के लिए निर्माण विभाग सर्वें कर रहा है। मैं खुद भी इस समस्या को दूर करने के लिए प्रयास कर रहा हूं। जल्द इस समस्या को दूर किया जाएगा। – सौरभ गंगवार, नगरायुक्त

नालों में गिरने से ये हो चुके कई हादसे

9 मार्च 2023 : ओडियन नाले में ईश्वरपुरी निवासी चार साल की बच्ची नाले की नाले में डूबकर हुई मौत।
7 नवंबर 2022: गौरीपुरा नाले से कूड़ा निकालते समय युवक की नाले में गिरने से हुई मौत।
21 जून 2022: पिल्लोखड़ी पुल के पास ओडियन नाले में बच्चे की डूबने से मौत हो गई थी।
10 जून 2022: ब्रह्मपुरी थाने के पास ओडियन नाले में गिरने से रिक्शा चालक की मौत
22 फरवरी 2022: इंदिरा चौक पर नाले में गिर सोन नामक युवक की मौत हो गई थी
18 अक्टूबर 2021: लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र के श्याम नगर में खेलते हुए नाले में गिरने से सात माह की मासूम की मौत
20 नवंबर 2021: ब्रह्मपुरी थाने के सामने ओडियन नाले में गिरकर युवक की मौत
23 दिसंबर 2020: घर के बाहर खेलते समय मलियाना में नाले में गिरकर हुई ढाई साल की बच्ची की मौत
22 अक्टूबर 2019: ब्रह्मपुरी में भूमिया पुल के निकट ओडियन नाले में गिरकर युवक की मौत
29 जनवरी 2019: जसवंत मिल के पास तालाब और नाले के दलदल में दो मासूम बच्चे फंसे
28 फरवरी 2019: लिसाड़ी गेट लक्खीपुरा नाले में मासूम की गिरकर मौत
20 अगस्त 2018: कैंट में गुरुतेग बहादुर पब्लिक स्कूल के पास नाले में मिला युवक का शव
4 अगस्त 2018: लिसाड़ी रोड रशीदनगर के नाले में गिरकर चार साल की बच्ची की मौत
17 जनवरी 2018: ओडियन नाले में मिला युवक का शव
26 जून 2017: मकबरा डिग्गी नाले में डेढ़ साल की बच्ची की डूबने से मौत
29 मई 2017: जेलचुंगी नाले में गिरकर ढाई साल की बच्ची की मौत
6 जनवरी 2017: लिसाड़ीगेट में कांच के पुल पर मां की गोद से छूटकर बच्चा नाले में गिरा
नवंबर 2016: तारापुरी की जाटव गली में नाले ने दो साल की मासूम बच्ची की मौत
31 जनवरी 2016: नेहरू नगर में 11 वर्षीय गौरव की नाले में गिरकर हुई मौत

 

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