शारदा रिपोर्टर मेरठ। सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल मार्केट में अवैध कॉम्पलेक्स के ध्वस्तीकरण का आदेश दिया है। इसके बाद आवास विकास की कार्यवाही चल रही है। वहीं, अधिशासी अभियंता आफताब अहमद का कहना है कि, कनेक्शन काटने के लिए पीवीवीएनएल व नगर निगम को सूची भेजी जाएगी।
आवास एवं विकास परिषद ने शास्त्री नगर सेंट्रल मार्केट में आवासीय भवनों में व्यवसायिक गतिविधियों को लेकर 15 दिन में अवैध निर्माण हटाने के नोटिस जारी किए थे। 20 जनवरी से दुकानदारों को भेजे गए नोटिस की अब मियाद पूरी हो रही है। ऐसे में अब इन दुकानदारों की बिजली-पानी के कनेक्शन काटने की तैयारी है।
इसके लिए पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम (पीवीवीएनएल) और नगर निगम को सूची भेजी जा रही है। अभी तक करीब 150 दुकानदारों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं। सेंट्रल मार्केट में अवैध कॉम्पलेक्स के सुप्रीम कोर्ट के ध्वस्तीकरण आदेश के बाद से व्यापारियों में उथल-पुथल है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 661/6 आवासीय भवन में 24 दुकानें बन जाने के मामले में यह आदेश दिया है। इससे पहले शास्त्रीनगर में सर्वे के आदेश दिए थे, जिसमें 1473 आवासीय भवन ऐसे मिले, जिनमें व्यावसायिक गतिविधियां हो रही हैं। इसी के साथ माधवपुरम और जागृति विहार में 822 अवैध निर्माण की फेहरिस्त है। आवास एवं विकास परिषद के अधिशासी अभियंता आफताब अहमद ने बताया कि, लगातार नोटिस जारी किए जा रहे हैं।
भवनों पर नोटिस चस्पा करने के साथ ही इन्हें डाक से भी भेजा जा रहा है। 15 दिन के नोटिस के बाद अब बिजली, पानी कनेक्शन काटने के लिए पीवीवीएनएल व नगर निगम को सूची भेजी जाएगी। इसी के साथ आवंटन निरस्त करने की प्रक्रिया पर भी विचार किया जा रहा है।
रंगोली से आरटीओ की ओर जाने वाले मार्ग पर ही आवास विकास एवं परिषद का दफ्तर है। इसके पास ही आवासीय भवनों में कांपलेक्स तैयार हो गए हैं। इनमें रेस्टोरेंट, बेकरी, कन्फेक्शनरी, जूस-फर्नीचर की दुकानें, नामी कंपनियों के आउटलेट, बाथरूम फिटिंग व होम डेकोर के शोरूम तक कोठियों में खुले हुए हैं। व्यापारियों का आरोप है कि, ये सभी निर्माण बिना स्टाफ की साठगांठ के बिना संभव नहीं हैं। कई बाबू तो नोटिस काटकर भेजने के बजाय फाइलों में रख देते हैं। मुख्य मार्ग ही नहीं गलियों में भी शोरूम, दुकानें खुल गए हैं।