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Saturday, November 1, 2025
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भारत विश्वगुरु बने, स्वार्थ के कारण डाल रहे लोग अड़ंगा : मोहन भागवत

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  • व्याख्यानमाला में कहा सनातन धर्म ही हिंदू

एजेंसी,जबलपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा स्वर्गीय डॉ. उर्मिला ताई जामदार स्मृति व्याख्यानमाला आयोजित की गई। इस कार्यक्रम में RSS के प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए। इस मौके पर मोहन भागवत ने विश्व कल्याण के लिए हिंदुत्व की अहमियत पर प्रकाश डालते हुए खुलकर अपने विचार रखें हैं। इस दौरान उन्होंने ग्लोबल लेवल पर तीसरे विश्व युद्ध की संभावना को लेकर एक बड़ा बयान दिया है।

मोहन भागवत ने कहा कि इतिहास में दो विश्व युद्ध हुए। इन युद्ध में काफी बड़े स्तर पर संहार हुआ। इसके बाद भी फिर से तीसरे विश्व युद्ध की संभावना बनी हुई है। सभी चाहते हैं कि भारत विश्व गुरु बने, लेकिन कुछ लोग अपने स्वार्थ के चलते अड़ंगे डाल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि वह कहे कि भारत रास्ता दिखाएगा तो ये बात सही, लेकिन अलग बोलें कि हिंदुत्व रास्ता दिखाता है तो ये विवाद बन जाता है। आज के विश्व कल्याण की जरुरत है उस आवश्यकता को पूरा करने वाला केवल हिंदुत्व है।

हिंदुत्व के मूल विश्व का कल्याण

विश्व कल्याण के लिए हिंदुत्व की जरुरत पर उन्होंने कहा कि हिंदुत्व के मूल में विश्व का कल्याण निहित है। विश्व कल्याण में हिंदुत्व का बहुत खास महत्व है। अभी दुनिया के पास सब कुछ है, साधन बहुत है और ज्ञान असीमित लेकिन रास्ता नहीं मिल रहा है, उनकी अपेक्षा भारत से है। भारत ने सारी दुनिया को भौतिक सुख- संपदा और आत्मिक शांति दी है। वेस्ट संस्कृति में जो भी विकास हुआ वो अधूरा था।धर्म और राजनीति की अवधारणा को व्यवसाय बना दिया गया है। वैज्ञानिक युग आने के बाद भी शास्त्रों का व्यापार बनकर रह गया। यही वजह रही थी जिसकी वजह से 2 विश्व युद्ध हुए। पूरी दुनिया एक आस्तिक और एक नास्तिक की दो विचारधारा में बंट गई है। इसीलिए आज पूरी दुनिया आत्मिक शांति के लिए भारत की तरफ आशा भरी निगाहों से देख रहा है। उन्होंने कहा कि मानव धर्म ही सनातन धर्म और सनातन धर्म ही हिंदू धर्म है।

 

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