Friday, June 27, 2025
HomeEducation Newsसीसीएसयू में हुई पहली बार पेरेंट्स टीचर मीटिंग

सीसीएसयू में हुई पहली बार पेरेंट्स टीचर मीटिंग

  • विद्यार्थियों को पंख दे सकते हैं लेकिन उड़ना तो उन्हें स्वयं ही होगा,
  • सभी का स्वागत प्रोफेसर अल्पना अग्रवाल द्वारा किया गया,

शारदा रिपोर्टर मेरठ। मनोविज्ञान विभाग में विद्यार्थियों के माता-पिता एवं शिक्षकों के साथ एक मीटिंग का आयोजन किया गया। दीप प्रज्वलन के उपरांत सभी का स्वागत प्रोफेसर अल्पना अग्रवाल द्वारा किया गया। पेरेंट्स मीटिंग की रूपरेखा बताते हुए विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजय कुमार ने कहा कि हम जब भी पेरेंट्स टीचर मीटिंग के बारे में सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहला विचार स्कूलों में आयोजित की जाने वाली पेरेंट्स मीटिंग के बारे में ही आता है।

परंतु माता-पिता का महत्व सिर्फ स्कूली स्तर पर ही नहीं अपितु हायर एजुकेशन स्तर उनकी जिम्मेदारी और ज्यादा बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि इस मीटिंग के द्वारा शिक्षक एवं माता पिता साथ बैठकर विभाग के विद्यार्थियों का शैक्षिक स्तर को बेहतर बनाने व उनमें आवश्यक जीवन कौशल विकसित करने पर विचार कर सकते हैं ताकि उनके जीवन में आने वाली चुनौतियों का वे बेहतर तरीके से सामना कर सकें।

उन्होने कहा कि मनोविज्ञान विभाग अपने विद्यार्थियों के भविष्य को एक साकारात्मक दिशा देने में लगा है ताकि देश के शीर्ष विश्वविद्यालयों के जैसे ही हमारे विद्यार्थी भी अपनी जिंदगी को सफल बना सकें। प्रोफेसर अल्पना अग्रवाल ने कहा कि हम विद्यार्थियों को पंख दे सकते हैं लेकिन उड़ना तो उन्हें स्वयं ही होगा। उन्होंने कहा कि मनोविज्ञान विभाग में कक्षाएं लगातार आयोजित की जाती है और माता-पिता को अपने बच्चों को समय से विभाग में पढ़ने के लिए प्रेरित करें।

उन्होंने कहा के यदि हम मिलकर के अपने बच्चों में आवश्यक स्किल विकसित कर लेते हैं तो समय आने पर वे अपनी जिंदगी के लिए उचित रास्ता स्वयं चुन सकते हैं। उन्होंने माता-पिता को बताया कि वह अपने बच्चों के साथ बेहतर संबंध स्थापित करें एवं उनसे वातार्लाप करते रहे ताकि कभी उनकी जिंदगी में कोई अनावश्यक परिवर्तन आए तो वह अपने मन की बात अपने माता-पिता से बेझिझक साझा कर सकें।

विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर अंशु अग्रवाल ने बताया कि किसी विद्यार्थी की जिंदगी में कई सारे विकल्प होते हैं लेकिन विद्यार्थी अपनी जिंदगी में सफलता कहां से प्राप्त करेगा यह इस पर आश्रित करता है कि वह कौन सा क्षेत्र, कौन सी यूनिवर्सिटी एवं कौन सा विषय अपनी जिंदगी को बनाने के लिए चुनता है और ऐसी स्थिति में माता-पिता एवं शिक्षकों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है।

माता-पिता के एक वक्तव्य का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आज हमारे बच्चे अपने शहर में ना पढ़कर किसी दूसरे शहर में पढ़ने के लिए तत्पर रहते हैं और ऐसे में माता-पिता को बेहतर चुनाव में मदद करनी चाहिए। उन्होने कहा कि विभाग में लगातार नेट की कक्षाएं आयोजित की जाती हैं साथ ही विभाग में केवल थियोरेटिकल शिक्षा ही नहीं दी जाती बल्कि हर विषय वस्तु को प्रयोगात्मक ढंग से भी समझाया जाता है। कार्यक्रम का संचालन एमए की छात्रा दिव्यांशी ने किया एवं कार्यक्रम में को सफल बनाने में परस्नातक विद्यार्थियों ने सहयोग किया।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Recent Comments