– महिलाओं ने चढ़ाया हलवा-पूरी का भोग।
मथुरा। गोकुल स्थित नंदभवन नंद किला मंदिर परिसर में शुक्रवार को छठ मैया का पारंपरिक पूजन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पुरुष और महिलाएं मौजूद रहीं। विद्वान पंडितों और ब्राह्मणों ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ पूजा संपन्न कराई। महिलाओं ने हलवा-पूरी का भोग अर्पित किया।
मंदिर के पुजारी मथुरा दास ने बताया कि यह परंपरा भगवान श्रीकृष्ण के बाल्यकाल से जुड़ी है। पुजारी के अनुसार, श्रीकृष्ण के जन्म के छह दिन बाद कंस ने पूतना को गोकुल भेजा था। उस दिन यशोदा मैया छठी का पूजन नहीं कर पाईं। अगले वर्ष जन्माष्टमी से एक दिन पहले उन्होंने छठ मैया का पूजन किया और तभी से यह परंपरा चली आ रही है।
इस अवसर पर नंद परिवार, मंदिर के महंत और गोकुलवासियों ने मिलकर पूजा की। महिलाएं पारंपरिक गीत गाती रहीं और मंदिर परिसर को दीपों और फूलों से सजाया गया। श्रद्धालुओं ने सुख-समृद्धि और संतानों की लंबी उम्र की कामना की।
पूजा के दौरान पूरे परिसर में भक्तिमय माहौल रहा। गोकुल की गलियां राधे-राधे और नंद के लाला की जय के जयकारों से गूंज उठीं। यह पूजन गोकुल की सदियों पुरानी संस्कृति और परंपरा का प्रतीक है, जिसे श्रद्धालु हर वर्ष बड़े भक्तिभाव से निभाते हैं।



